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Lailunga News; दो अजय योद्धा चक्रधर सिंह सिदार और सुनीति सत्यानंद राठिया के बीच हो सकता है चुनावी जंग

Lailunga News; रायगढ़. प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई प्रदेश के रायगढ़ जिला के चार सीटों में एक सीट लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र भी हैं यहां भाजपा से वैसे तो कई दिग्गज नेताओं की लिस्ट है इस सीट पर भाजपा से टिकट के कई दावेदार सामने आ रहे है. वहीं कांग्रेस से लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के जन नेता विधायक चक्रधर सिंह सिदार राज्य के भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं को लेकर गांव – गांव पहुंच रहे हैं.

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गांव – गांव में विकास की धारा को बढ़ाने में विधायक चक्रधर सिंह जनता के बीच में सफल साबित हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनके जीत का अंतर भी काफी बड़ा रहा है बढ़त की बात करें तो चक्रधर सिंह सिदार ने विधानसभा के तीनो क्षेत्र लैलूंगा, तमनार और परिसीमन रायगढ़ क्षेत्र से लीड करते हुए 25 हजार वोट से दर्ज की किए थे. बताते दे कि चक्रधर सिंह सिदार पंच, सरपंच, जनपद सदस्य,जिला पंचायत, सदस्य, के बाद विधायक तक लगातार विजयी रहे है. इसबार भी विधायक चक्रधर सिंह लैलूंगा विधानसभा से चुनाव के लिए पूरी तैयारी में हैं. चक्रधर सिंह के विधायक बनने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के लिए अच्छे अंक बटोरने में सफलता हासिल की थी. जिसके बाद जिला पंचायत चुनाव हुआ जिसमें उन्होंने कांग्रेस को बढ़त दिलाने के लिए के जमीन पर काम किया. पंचायत चुनाव में जनपद पंचायत लैलूंगा में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने में विधायक चक्रधर सिंह की रणनीति काम आई थी. उसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में लैलूंगा शहर में कांग्रेस के अधिक से अधिक पार्षदों को जिताकर नगर पंचायत लैलूंगा में कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनवाया.

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बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर में भाजपा का विरोध बहुत अधिक रहा है जिस कारण प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज नेता भी चुनाव हारे थे. लैलूंगा विधानसभा की राजनीति में भाजपा के दिगज्ज नेताओं में सत्यानंद राठिया का नाम भी सुमार है जिन्हे इस क्षेत्र से चुनाव लडने की पूरी तरकीब मालूम है सत्यानंद राठिया इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर एक बार मंत्री भी बने थे. वहीं एकबार सुनीति राठिया भी यहां भारी अंतर से चुनाव जीतकर भाजपा का परचम लहरा चुकी हैं. ऐसे में इस नाम को कमजोर समझा राजनीतिक भूल होगी. लैलूंगा विधानसभा की सियासत यह कहती है कि कांग्रेस से चक्रधर सिंह सिदार और भाजपा से सुनीति सत्यानंद राठिया के बीच इसबार चुनावी जंग हो सकता है.

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गौर करने की बात यह है कि सुनीति राठिया एकबार भी चुनाव नहीं हारी है पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा नेत्री सुनीति राठिया ने जन सेवा को प्राथमिकता देकर अपनी लोकप्रियता सिद्ध कर चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव में लगातार क्षेत्र में दौरा करती रही है पिछले विधानसभा चुनाव के नजदीक उनकी टिकट काटकर पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया को चुनाव लड़ाया गया था, जिन्हे हार का सामना करना पड़ा. चुकिं सुनीति राठिया का टिकट काटकर सत्यानंद राठिया को चुनाव लड़ाया गया इस लिहाज से इसबार फिर सुनीति राठिया को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है क्षेत्र में जमीनी पकड़ की बात की जाए तो इनके खेमे में समर्थको की लंबी लाइन है कहा जा रहा है. भाजपा इस बार क्षेत्र में नए चेहरों की तलास में जुटी हैं. ऐसे में एक साफ छबि के नेता के रूप में और सामाजिक दृष्टि कोण से देवेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी दावेदारों के टॉप लिस्ट में शामिल हैं देवेंद्र प्रताप सिंह रायगढ़ के राज घराने से आते हैं ऐसे में इन्हे भी कमजोर समझना गलत होगा.

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विदित हो कि देवेंद्र प्रताप सिंह लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र से जिला पंचायत के सदस्य भी हैं बता दें कि उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में जाकर चुनाव लडा और चुनाव जीतकर क्षेत्र में भाजपा की विचारधारा को मजबूत किया है. लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक दृष्टिकोण से यह नाम भी भाजपा के लिए परफेक्ट जम रहा है. हवा हवाई खबर यह भी है कि लैलूंगा विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी से पैराशूट लैंडिंग नेताओं के चुनाव लडने की बात भी कही सुनी जा रही है. लेकिन क्षेत्र की जनता और यहां के जमीनी कार्यकर्ता पैराशूट लैंडिंग नेताओं के साथ तालमेल जमा नहीं पाएंगे. ऐसे स्थिति में कांग्रेस पार्टी से यहां वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह को ही दोबारा चुनावी मैदान में लड़ाया जा सकता हैं सामाजिक दृष्टिकोण से चक्रधर सिंह बेहद मजबूत माने जाते हैं. कयास लगाया जा रहा है कि इसबार भाजपा से सुनीति सत्यानंद राठिया या फिर देवेंद्र प्रताप सिंह और कांग्रेस से चक्रधर सिंह सिदार के बीच चुनावी जंग हो सकता है कांग्रेस नेता चक्रधर सिंह भी राजनीतिक मामलो में बेहद मजबूत माने जाते हैं ऐसी स्थिति में भाजपा इनके सामने सुनीति सत्यानंद राठिया और देवेंद्र प्रताप सिंह जैसे मजबूत और क्षेत्र में जमीनी पकड़ रखने वाले दावेदार को सामने ला सकते हैं चुकी भाजपा अभी विपक्ष में है. इसलिए लोगो का भी यही मानना है कि भाजपा इन नामों पर विचार करती हैं तो भाजपा के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में फायदे की बात हो सकती हैं विधानसभा चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए भाजपा ने कुछ सीटों पर प्रत्यासी घोषित कर दिया है जहां भाजपा की तैयारी भी जोरो पर चल रही हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी जल्द एक सूची जारी कर सकती हैं जिसमें कुछ ऐसी सीट सामिल होंगी जहां कांग्रेस को पिछले चुनाव में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. खबर लग रही है कि कांग्रेस सितंबर महीने के बीच में कुछ प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है.

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