रायगढ़

सशिमं लोचननगर में अभिभावक गोष्ठी संपन्न

रायगढ़। विद्या भारती की योजनानुसार भैया/बहिनों के सर्वांगीण विकास हेतु सरस्वती शिशु मंदिर उच्च. माध्यमिक विद्यालय लोचननगर रायगढ़(छ.ग.)में त्रेमासिक परीक्षा के उपरांत छात्रों की उत्तर पुस्तिका प्रदान करने एवं परीक्षाफल पर चर्चा करने हेतु पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं केअभिमावकों आमंत्रित किया गया ।चर्चा के प्रमुख बिंदु भैया/बहिनों का परीक्षा में शतप्रतिशत परिणाम प्राप्त करना. अपने अध्ययन कार्य में गुणवत्ता लाना एवं उसके लिए कारगर उपाय करना, छात्रों का संस्कार पक्ष मजबूत करना जिससे वे संस्कारित और आदर्श नागरिक बनाना तथा अन्य उपयोगी विषय आदि।कार्यक्रम विद्यालय के सभाकक्ष में प्रातः10:00बजे से आयोजित किया गया।कार्यक्रम का संचालन आचर्या संघमित्रा मिश्रा ने किया।

गोष्ठी में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्री एल.पी.कटवाकर (व्यवथापक सशिमं रायगढ़), श्री डी. पटनायक(उपाध्यक्ष सशिमं रायगढ़ एवं उपसमिति प्रमुख),विशिष्ट अतिथि के लिए अभिभावक जनकराम भोई एवं कुबेर लाल माली जी को मंचासीन कराया गया। और मंचासीन अतिथियों के करकमलों द्वारा सरस्वती माता, ओम एवं भारत माता के छायाचित्रों के समक्ष दीपमंत्र के साथ दीप प्रज्वलित कराया गया।इसके बाद माँ सरस्वती की वंदना की गई।फिर विद्यालय की छात्राओं द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया और संस्था प्रमुख उनका सादर परिचय दिया।

इसके बाद आज के आयोजन के महत्व एवं उद्देश्य को कुबेर जी ने प्रतिपादित किया। इसके बाद आचार्य अंजनी श्रीवास्तव ने आगंतुक अभिभावकों एवं अतिथियों से परिचर्चा के विषय चर्चा करते हुए कहा कि-छात्रों के चतुर्मुखी विकास के लिए विद्यालय के आचार्य परिवार और समस्त अभिभावक मिलकर छात्रों का मार्गदर्शन करें एवं उनकी समस्या का सटीक सार्थक निराकरण करने में सहयोग दें तो निश्चित छात्रों की प्रतिभा निखरने लगेगी।फिर परीक्षा प्रभारी चन्द्रशेखर ने भी गणित विज्ञान एवं अंग्रेजी जैसे जटिल विषयों को सरल एवं सहज बनाने की चर्चा की।

उन्होंने बताया कि छात्रों को सभी विषयों में पर्याप्त समय देने के समयसारिणी का निर्माण करते हुए सजगता से पढ़ाई करना चाहिए।मोबाइल का प्रयोग केवल पढ़ाई से संबंधित जानकारी ही प्राप्त करने के लिए करें।इसके बाद अनेक अभिभावकों ने चर्चा में संदर्भित विषयों पर सार्थक सुझाव दिए एवं अपने-अपने शिशुओं की बहुमुखी प्रतिभा को निखरने में पूरे मनोयोग से कार्य करने का संकल्प लिया। फिर मुख्यअतिथि की आसंदी से एल.पी.कटकवार जी ने छात्रों को किसी भी विषय के अध्ययन में मानसिक बोझ रहित और सयंम रखते हुए निर्भय होकर करने की बात कही है।

साथ ही साथ विषयों के अध्ययन में उत्पन्न समस्याओं को उपलब्ध माध्यम से हल करने की सलाह दी।फिर उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण किया गया।संस्था प्रमुख द्वारा आगंतुकों के प्रति आभार प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विद्यालय के आचार्य परिवार के सदस्यों की महत्वपूर्ण सहभागिता रही है।उक्त जानकारी संस्था के प्रचार-प्रसार विभाग के प्रमुख अंजनी श्रीवास्तव जी ने बताई है।

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