रायगढ़. शहर में समाज कल्याण और मानव सेवा के नाम पर तमाम तरह की संस्थाएं काम कर रही हैं। जिनका उद्देश्य सेवा की आड़ में व्यक्तिगत हित साधना है। ऐसी ही एक एक मामला जिले के ग्राम बडगांव में संचालित नंदा सर्कुलेशन संस्थान में हो रहा है।
जिसमें संस्था के संचालक मनोहर लाल नंदा और उसकी पत्नि के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हुए संस्था में कार्यरत दिव्यांग शिक्षक जो मूक बधिर और नेत्रबाधित बच्चों को पढ़ाने का काम कर चुके है। मुकेश कुमार डाहरे ने मिडिया को बताया कि स्कूल संचालक मासूम दिव्यांग बच्चों से न केवल बालश्रम करवाते है, बल्कि उन्हे पोषक भोजन से भी वंचित रखते हैं। इतना ही नहीं यहां काम करने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों से संचालक और उसकी पत्नि बदतमीजी भी करते है।

पीड़ित दिव्यांग शिक्षक जिसकी संस्था में नियुक्ति समाज कल्याण विभाग रायगढ़ के माध्यम से हुई थी उसे बीते छह महीने से वंचित रखा गया था। वेतन मांगे जाने पर मात्र 15 हजार रु देकर संस्था से बलपूर्वक इस्तीफा मांग लिया गया। पीड़ित दिव्यांग शिक्षक मुकेश कुमार डाहरे जो मूलतः बालाघाट मप्र. का रहने वाला है वो अपनी लिखित शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के पास आया और उसने प्रमाण सहित अपनी बात एसपी साहब के अलावा मीडिया के समक्ष रखी। जिसमें उसने एक शिक्षिका की आडियो क्लिप और स्कूल में दिव्यांग बच्चों से संचालक के द्वारा झाड़ू, बर्तन मांजने जैसे काम करवाने की कई तस्वीरें पेश की है।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी नंदा सरकुलेशन संस्थान के संचालक मनोहर लाल नंदा पर अनियमितता व स्कूल संचालन में लापरवाही की शिकायतें हो चुकी हैं, बावजूद वे अपने कर्तव्य के प्रति आज भी लापरवाही बरत रहे हैं। समय रहते जिला प्रशासन को इनके ऊपर लगाम लगाने की आवश्यकता है।
