सक्‍ती

कीचड़ से सराबोर हो स्कूल जाने को मजबूर हायर सेकंडरी स्कूल सपिया के छात्र–छात्राएं

कीचड़ से भरी सक्ती जिले के तौलीपाली-सपिया मार्ग।

सक्ती। चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर वर्ग की अपेक्षाओं पर खरा उतरने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसर और नेताओं की घोर लापरवाही से तौलीपाली से सपिया हायर सेकंडरी स्कूल तक की सड़क का कायाकल्प कराने कोई सामने नहीं आ रहा है। जबकि स्कूली बच्चे इसी कीचड़युक्त जर्जर सड़क से आवाजाही कर तालीम लेने मजबूर हैं। रोज स्कूल आने-जाने के दौरान बच्चे अक्सर कीचड़ में सराबोर हो जाते हैं, लेकिन इससे किसी को क्या सरोकार है।

मीडिया में जर्जर सड़को की खबरें सुर्खियों में आ रही है तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बारिश के तुरंत बाद जर्जर सड़कों की मरम्मत करने और नई सड़क बनाने का निर्देश दिए है, बावजूद सक्ती जिले की सड़कों में मुख्यमंत्री के इस फरमान का कोई असर ही नहीं हो रहा है। बारिश में जिले की सड़कों का बुरा हाल है और लोग इसी खस्ताहाल सड़क से आवाजाही करने मजबूर हैं। कीचड़युक्त इस सड़क की खबर अखबारों में सूर्खियां बटोर रही है, फिर भी जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधियों ने अपनी आंखें पूरी तरह बंद कर ली है। पहले इस समस्या से सपिया गांव के कुछ युवाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया था।

तब उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इस समस्या का निराकरण करते हुए मुरूमीकरण कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अभी सपिया के हाईस्कूल के प्राचार्य ने भी पुनः शासन प्रसाशन को खराब सड़क की मरम्मत के लिए जनपद सीईओ को पत्र लिखा है। फिर भी इस सड़क की ओर किसी का ध्यान आकृष्ट नहीं है। रोज बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं, लेकिन सड़क की हालत में सुधार नहीं होने के बावजूद वो कीचड़युक्त सड़क से गिरते-पड़ते स्कूल जाने मजबूर हैं।

इस तरह गिरते पड़ते स्कूल पहुंच रहे विद्यार्थी।

लगातार कम हो रही दर्ज संख्या. स्कूल के प्राचार्य कहा है कि ग्राम तौलीपली, दर्रीमुड़ा, झर्रा तथा कर्रापाली के छात्र छात्राएं तालीम लेने स्कूल आते हैं, लेकिन खस्ताहाल सड़क के कारण प्रतिवर्ष छात्र छात्राओं की संख्या बहुत तेजी से कम होते जा रही है। वहीं स्कूल से नाम कटवाए जाने की वजह छात्र छात्राएं खराब सड़क को बताते हैं। सड़क की मरम्मत या निर्माण पर शासन शीघ्र ही कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो आने वाले दिनो में स्कूल मे विद्यार्थियों की संख्या और कम हो जायेगी।

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