रायगढ़

पोस्टर-पाम्पलेट प्रिंटिंग में मुद्रक, प्रकाशक तथा मुद्रित संख्या अंकित करना अनिवार्य

लोकसभा निर्वाचन-2024; प्रिंटिंग प्रेस/फ्लेक्स संचालकों की हुयी बैठक


रायगढ़. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रिंटिग प्रेस/फ्लेक्स संचालकों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में लोकसभा निर्वाचन-2024 के दौरान छापी जाने वाली राजनीतिक प्रचार-प्रसार सामग्रियों के बारे में निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋतु हेमनानी, डिप्टी कलेक्टर श्री महेश शर्मा, लेखा अधिकारी जिला पंचायत श्री बसंत गुलेरी, जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री राजेश डेनियल उपस्थित रहे।


डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋतु हेमनानी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा लोक सभा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है। जिसके फलस्वरूप रायगढ़ जिले के 4 विधानसभाओं में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के साथ ही निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। उन्होंने सभी प्रिंटरों-मुद्रकों और प्रकाशकों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 क में निहित प्रावधानों और दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि मुद्रकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह निर्वाचन के दौरान प्रचार के लिए छापी गई सामग्री की चार प्रतियां और प्रकाशक की घोषणा जिला निर्वाचन कार्यालय में मुद्रण के तीन दिवस के भीतर जमा कराएं। उन्होंने कहा कि मुद्रित की गई सामग्रियों पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम तथा मुद्रित संख्या अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही लोकसभा निर्वाचन के लिए प्रचार-प्रसार की सामग्री का मुद्रण आदर्श आचरण संहिता के दायरे में होगा।


डिप्टी कलेक्टर श्रीमती हेमनानी ने बताया कि किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री जैसे हैंडबिल, पाम्पलेट, पोस्टर, बैनर, फ्लैक्स आदि को छापने के लिए संबंधित व्यक्ति द्वारा मुद्रक को घोषणा पत्र भरकर ही आर्डर दिया जायेगा। उन्होंने मुद्रकों से कहा कि बिना घोषणा पत्र वाले प्रिंटिंग आर्डर ना लें। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्वाचन संबंधी पाम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रचार-प्रसार सामग्री तब तक मुद्रित नहीं करेगा जब तक उनके पास प्रकाशक की हस्ताक्षरित घोषणा और दो व्यक्तियों द्वारा अनुप्रमाणित न हो।

निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
रायगढ़. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कर्तिकेया गोयल के निर्देशन में लोक सभा निर्वाचन के मद्देनजर आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सहायक व्यय प्रेक्षक, वीडियो अवलोकन दल, वीडियो निगरानी दल, लेखा टीम के सदस्यों को लोकसभा निर्वाचन के संदर्भ में व्यय निगरानी का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर नोडल अधिकारी प्रशिक्षण डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋतु हेमनानी, डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा उपस्थित रहे। वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्रीमती ज्योति सिंह, लेखा अधिकारी जिला पंचायत श्री बसंत गुलेरी, जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री राजेश डेनियल द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्रीमती ज्योति सिंह ने निर्वाचन में होने वाले व्यय के संबंध में जानकारी देते हुए मॉनिटरिंग प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने निर्वाचन में इसके उद्देश्य के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण पूर्ण चुनाव करवाने, धन बाहुबल के दुरुपयोग की निगरानी करने, सही हिसाब रखने तथा सभी हितधारकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है। प्रशिक्षण में धन बल का प्रभाव उद्देश्य और कानूनी प्रावधान, चुनाव आयोग के प्रकार के संबंध में विशेष जानकारी दी। इसके साथ ही निर्वाचन में कानूनी व्यय के रुप में सार्वजनिक बैठकें, पोस्टर, बैनर, वाहन तथा अवैध व्यय निर्वाचकों को प्रभावित करने के उद्देश्य से उनकी बीच धन, उपहार, शराब या अन्य किसी प्रकार की वस्तु का वितरण आता है। इस दौरान प्रमुख कानूनी प्रावधान के संबंधित जानकारी दी एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से इसका फीडबैक भी लिया। इस दौरान व्यय निगरानी मशीनरी के रूप में काम करने वाले व्यय पर्यवेक्षक, सहायक व्यय पर्यवेक्षक, उडऩ दस्त एवं स्थैतिक निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, वीडियो देखने वाली टीम, लेखा टीम, आबकारी टीम, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति, जिला व्यय निगरानी समिति का समन्वय की जानकारी देते हुए उनके कार्यों दायित्व की जानकारी गई।
इसके अलावा उन्होंने एईओ को दिए जाने वाले दैनिक रिपोर्ट की जानकारी दी। उन्होंने व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र तथा संवेदन व्यय क्षेत्र के संबंध में भी जानकारी दी। इसके साथ ही चुनाव में प्रचार-प्रसार की निगरानी, छाया अवलोकन रजिस्टर और साक्ष्य फोल्डर, सार्वजनिक बैठके, रैली, स्टार प्रचारक, पर्चा-बैनर और पोस्टर छापना, वाहनों की निगरानी, चुनावी लेखा-जोखा दर्ज करना, उम्मीदवार द्वारा बनाए गए रजिस्टर के साथ खाते को सही तरीके से दर्ज किया जाए जिसका अवलोकन करना आवश्यक है। इसके साथ ही प्रवर्तन एजेंसी की भागीदारी, आयकर विभाग की भूमिका, अन्य निगरानी उपाय जैसे बैंकों से जानकारी, बैंक द्वारा नगदी परिवहन जैसे विभिन्न माध्यमों की जानकारी दी गई।

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