कोरबा

श्रावण मास के शुभ संध्या काल में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी शिव मंदिर में सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन

कोरबा (जमनीपाली)। शिव मंदिर परिसर में उद्गार काव्य समिति जमनीपाली के तत्वाधान में आयोजित इस काव्य गोष्ठी में समिति के साहित्यकारों के अलावा कोरबा जिले के विभिन्न स्थानों से आए ख्यातिलब्ध साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना से हुई। तत्पश्चात सभी आगंतुक साहित्यकारों का कॉलोनी के अद्विका समिति के पदाधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया।

गोष्ठी का प्रारंभ कोरबा के ख्यातिलब्ध कवि डॉ कृष्ण कुमार चंद्रा जी के सरस गीतों से हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में दो मनभावन गीत प्रस्तुत किया जिसे सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो गए और परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। इसके उपरांत राजगामार से आई कवियत्री अनुसुइया श्रीवास जी ने अपनी सुमधुर स्वर में दो सुंदर गीत प्रस्तुत किए और पूरे श्रोता समाज की करतल ध्वनि अपने नाम कर लीं।


इसके बाद वरिष्ठ साहित्यकार श्री राव सर ने अपनी रचना सुनाई जिसे सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए और उनके काव्यशिल्प की भूरी भूरी प्रशंसा करने लगे। इसके उपरांत बारी आई कोरबा से आए प्रसिद्ध गज़लकार जनाब युनुस दनियालपुरी जी की। उन्होंने अपनी गजल से ऐसा शमा बांधा कि परिसर वाह वाह की आवाज से गमक उठा। इसके बाद बारी थी वरिष्ठ कवि श्री शिशिर कुमार तिवारी जी की। उन्होंने पवित्र श्रावण मास की महिमा का ऐसा सुंदर गुणगान किया कि श्रोतागण उनके साथ साथ गाते हुए झूम उठे।

साहित्यिक मंच में हास्य का समावेश न हो, भला ये कैसे हो सकता था। इसका जिम्मा उठाया राजगामार से पधारे हास्यकवि बलराम राठौर जी ने। उन्होंने अपने चुटीले अंदाज में ऐसी ऐसी रचनाएं सुनाई कि श्रोतागण हंस हंस कर लोट पोट हो गए।
तत्पश्चात आमंत्रित किया गया बालको से पधारे कवि धरम साहू जी को। उन्होंने अपनी छत्तीसगढ़ी रचना के माध्यम से इतना मनमोहक, मधुर तान छेड़ा कि श्रोतागण साथ में गुनगुनाते हुए झूमने लगे। फिर आमंत्रित किए गए कवि श्री नवल जोशी जी को। वैसे तो वो हास्य कवि हैं किंतु इस गोष्ठी में उन्होंने भोलेनाथ की महिमा को साकार करते हुए ऐसी रचना प्रस्तुत किया कि संपूर्ण सदन और श्रोतागण भक्तिमय हो गए। इसके बाद शमा बांधने की बारी थी शायर मनीष ’मुसाफिर’ की। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गजल का अपनी विशिष्ट शैली में गायन किया जिससे संपूर्ण सदन ही भावविभोर हो गया। इसके उपरांत बुलाया गया कवियत्री पूजा तिवारी जी को। उन्होंने बेटी की विदाई पर ऐसी मार्मिक रचना सुनाई कि श्रोतागण अपनी आँखों को नम होने से रोक नहीं पाए।
इसके उपरांत कवि अहिबरन पटेल जी को आमंत्रित किया। उनकी छत्तीसगढ़ी रचना और विशिष्ट गायन शैली से श्रोता एक बार से झूम उठे। और अंत में आए कवि राधेश्याम साहू जी। उन्होंने भगवान भोलेनाथ के चरणों में, उनकी महिमा का वर्णन करते हुए कुछ मुक्तक रखे और कार्यक्रम की सफलता के लिए भगवान के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस सफल भक्तिमय कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पूजा तिवारी जी के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन श्री अहिबरन पटेल जी ने किया।

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