छत्तीसगढ़

जीपीएम में चावल का संकट: नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम खाली, राइस मिलर्स ने दो महीने से जमा ही नहीं कराया

गौरेला-पेंड्रा। जिले में चावल का संकट हो गया है। नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम लगभग खाली पड़े हैं। शासन के नियमानुसार गोदामों में तीन माह का चावल होना चाहिए, लेकिन एक महीने का ही शेष बचा है। यानी कुल भंडारण क्षमता का एक तिहाई से भी कम चावल ही उपलब्ध है। इस महीने पीडीएस में बंटने के बाद चावल का स्टॉक ही नहीं बचेगा। यह संकट राइस मिलर्स के दो महीने से CMR ( Custom Milled Rice) चावल नहीं जमा करने से खड़ा हुआ है।

गोदामों की क्षमता 15600 टन, उपलब्ध सिर्फ 5000 टन. जिले के वेयर हाउस कारपोरेशन के गोदामों की भंडारण क्षमता 15600 मीट्रिक टन है। उनमें करीब 5000 मीट्रिक टन चावल ही शेष है। जबकि जिले में प्रतिमाह करीब 34880 क्विंटल चावल का राशन दुकानों में भंडारण होता है। राइस मिलों द्वारा चावल जमा नहीं करने से स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई है। नया चावल नहीं आने से स्टॉक की भरपाई नही हो सकी। कस्टम मिलिंग का अनुबंध करने के बाद राइस मिलरो को उठाए गए धान का चावल नागरिक आपूर्ति निगम को जमा करना होता है।

राइस मिलों से जब्त किया गया 2.05 टन चावल. महीनों से राइस मिलर्स ने चावल जमा करना बंद कर दिया या एकदम से कम कर दिया था। इसके चलते गोदामों में चावल की कमी हुई, तब प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए नौ राइस मिलरो को चावल जमा करने के लिए लगातार नोटिस दिए। इसके बावजूद मिलर्स ने चावल जमा नहीं किए। इस पर राइस मिलों की जांच की गई। इसमें 80 मीट्रिक टन धान कम पाया गया। जिसके बाद राइस मिलरो के 2.05 लाख क्विंटल धान को जब्त किया गया। वहीं रासइ मिलर्स का कहना था कि, 60 परसेंट धान में टूटा होने से चावल जमा कर सके।

राइस मिलों पर चावल जमा करने का बना रहे दबाव. प्रशासन ने असंतुष्ट होकर इस जवाब को नकार दिया, लेकिन दोषी राइस मिलरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। जिला खाद्य अधिकारी श्वेता अग्रवाल ने बताया कि कि लगातार राइस मिलरो पर दबाव बना रहे हैं कि वे चावल जमा करें। इसके लिए बैठकें भी की गई और नोटिस भी दिया गया, पर राइस मिलर चावल जमा नहीं कर रहे हैं। इसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। प्रशासन एवं खाद्य विभाग लगातार मिलर्स पर दबाव बना रहा है कि दो दिन में चावल जमा करें। मिलर्स ने आश्वासन दिया है।

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