रायगढ़

लैलूंगा पुलिस का दिखा मानवीय चेहरा, थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज ने वृद्ध ग्रामीण के घर पहुंच कर मदद की

धन सिंह राठिया को राशन सामग्री सहित नगद रुपये देकर सहयोग के लिए बढ़ाया हाथ

लैलूंगा। विगत दिनों एक पैर से घसीट–घसीट कर मदद के लिए दर–दर भटक रहा वृद्ध ग्रामीण का समाचार रायगढ़ संवाद ग्रुप में वायरल हुआ था जिसके बाद ख़बर थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज तक पहुँची। उन्होंने 25 किलोमीटर दूर ग्राम गुनु पहुच कर वृद्ध ग्रामीण से मिले तथा ग्राम गुनु निवासी धन सिंह राठिया उम्र लगभग 60 वर्ष पिता स्वर्गीय समरू राम राठिया जाति कंवर शादी के कुछ वर्षों बाद से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गया जिसका मजबूरी वस डॉक्टरों द्वारा एक पैर काटना पड़ा। तब से धन सिंह एक पैर के सहारे अपना जीवन यापन कर रहा है।

आय का कोई स्रोत नहीं होने के कारण एवं अपने सगे चार भाइयों से मदद की कोई अपेक्षा न होने के कारण आज धन सिंह का जीवन यापन प्रशासन द्वारा मिलने वाले पेंशन से ही हो रहा है। लैलूंगा के नवपदस्थ थाना प्रभारी धनसिंह राठिया के घर पहूंच कर मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए एक कट्टा चावल, दाल, तेल साबुन सब्जी, सहित सभी प्रकार के दैनिक उपयोगी समान देकर उन्हें आश्वसन दिया कि हर सँभव मदद करने हम लोग हैं। आगे जो भी परेशानी होगी सूचित करने कहा गया। वही थाना प्रभारी ने वृद्ध को एक हजार रुपये नगद भी दिए।

पुलिस पर हमेशा आरोप लगाया जाता है की पुलिस लोगो को डरा धमकाकर या झूठे केस में जेल भेजने की धमकी देकर वसूली करती है। जिससे लोग पुलिस से दूरी बनाकर रखने में ही भलाई समझते है। लेकिन ऐसे सभी बातों को मुहतोड़ जवाब देते हुए पुलिस ने एक नेक दिल इंसान का परिचय देते हुए वृद्ध के घर जाकर मदद के लिए हाथ बढ़ाया। आज लोग अपने दहलीज पर आए अपाहिज या गरीब वृद्ध की मदद नही करते ऐसे स्थिति में 25 किलोमिटर गांव पहुँच कर मदद करने वाले लैलूंगा के पहले पुलिस ऑफिसर है। आपको बता दे कि मोहन भारद्वाज शक्ति जिले के डभरा के सेरो गांव के निवासी है। उन्होंने पुलिस नौकरी में कई जिले में सेवाएं दे चुके है। अब लैलूंगा में अपनी सेवाएं दे रहे है। लैलूंगा की जनता इनके कार्यो को देखकर पुलिस से दूरी बनाने के बजाए पुलिस का मित्र बनकर कानून का सहयोग करने में आगे आएंगे। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले अपराध ,बलात्कार जुआ सट्टा जैसे अपराधो से बचा जा सके।

Lailunga news; मदद की आस लिए भटकता एक वृद्ध ग्रामीण

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button