सारंगढ़ - बिलाईगढ़

21 वें पुण्यतिथि पर; समाज के पथ _ प्रदर्शक रहे हुलास राम मनहर का समाज में अवदान …


(आलेख -लक्ष्मी नारायण लहरे )
समाज में अपनी पहचान बना पाना हर युवा के लिए संभव नहीं होती है । पढ़ लिख लोग अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं कोई नौकरी करना चाहता है तो कोई समाज सेवा करना चाहता है तो कोई नेता बनना चाहता है यह गुण उसके स्कूल जीवन से ही शुरू हो जाते है और वह उस ओर खींचा चला जाता है । आज ऐसे सक्स के बारे में लिखने की कोशिश कर रहा हूं जो मेरे लिए कठिन कार्य है फिर भी एक कोशिश है ।
हुलास राम मनहर का जन्म सारंगढ़ विकास खंड के छोटे से गांव भिखमपुरा में गौटिया परिवार में श्री राजाराम मनहर के घर हुआ था । हुलास राम मनहर जी का जन्म 27 मई 1931 को हुई थी उनका बचपन समान्य रहा । युवा अवस्था में वे राजनीतिक की ओर झुकाव हुआ वे अपने 46 वर्ष की उम्र में अविभाजित मध्यप्रदेश के सारंगढ़ विधानसभा से 1977 में पहली बार विधायक चुने गए । यही नहीं उन्हें जब दुबारा मौका मिला तो वे पुनः 1980 में फिर से सारंगढ़ के विधायक बने और जब वे दूसरी बार विधायक बने तब उन्होंने अपने विधायक कार्यकाल में सारंगढ़ में नवीन महाविद्यालय के प्रस्ताव कर यहां 10 अगस्त 1983 में महाविद्यालय का नीव रखे उनकी यह योगदान और प्रयास सारंगढ़ के लिए वरदान से कम नहीं है। सारंगढ़ में महाविद्यालय खुले आज 41वर्ष हो गया 2008 में महाविद्यालय का नाम साहित्यकार पंडित लोचन प्रसाद पांडेय के नाम से नामकित किया गया । आज इस कॉलेज में लोगों को जो उच्च शिक्षा मिल रहे है वह हुलास राम मनहर की देन है ।वे जब तक रहे समाज के पथ प्रदर्शक रहे उनके अवदानों को भुलाया नहीं जा सकता । वे 73 वर्ष की लंबी जीवन के बाद 13 जनवरी 2004 को अंतिम सांसे लिए
वे अंतिम समय तक समाज के लिए जिए और राजनीति में सक्रिय रहे आज उनका 21 वाँ पुण्यतिथि है ।
पूर्व विधायक श्री हुलास राम मनहर जी को उनके
पुण्यतिथि पर विनम्र भावांजली …
13 जनवरी 2024
लक्ष्मी नारायण लहरे “साहिल”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button