रायगढ़।युवाओं के प्रेरणा स्रोत, विश्व में भारतीत संस्कृति के प्रचारक एवं आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुपमें अत्यधिक धूमधाम से सरस्वती शिशु मंदिर उच्च. माध्यमिक विद्यालय लोचननगर रायगढ़(छ.ग.)में मनाया गया।इस समारोह की धूम प्रातः काल से ही मची हुई थी।इस अवसर पर अनेक विधाओं में कार्यक्रम आयोजित किए गए।सर्वप्रथम प्रातः शिशु वर्ग के जो भैया/बहिन स्वामी विवेकानंद, भगिनि निवेदिता एवं अन्य संत की वेशभूषा में सज कर आये थे, घोष वाद्य यंत्रों के नारों से गुंजायमान करते हुए लोचननगर कालोनी में प्रभात फेरी निकाली गई।जिसमें बहुतायत संख्या में छात्रों, आचार्याओं की सहभागिता रही है।फिर प्रातः काल10:00बजे से विद्यालय के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए।जिसमें मुख्य अतिथि कुबेर लाल माली, नीलिमा अमन, बृहस्पति भोई एवं अंजनी श्रीवास्तव जी रहे हैं।उत्सव का संचालन कन्याभारती की यशिका गुप्ता तथा कामना डनसेना ने किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की द्वितीय विधा में मंचासीन अतिथियों द्वारा सरस्वती माता, ओम, भारत माता तथा आध्यात्मिक गुरु विवेकानंद जी के छायाचित्रों के समक्ष पूजन अर्चन करते हुए दीप प्रज्वलित कर किया एवं सरस्वती वंदना की गई।फिर अतिथियों का स्वागत तिलक लगाकर किया गया।फिर शिशु वर्ग, बाल वर्ग और किशोर वर्ग के आधार पर प्रतियोगिता आयोजित की गई।सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद, भगिनी निवेदिता एवं अन्य संतो की वेशभूषा में सजकर आये भैया/बहिनों ने उनकी मनमोहक ढ़ंग से भावभंगिमा की प्रस्तुति दी।फिर सभी वर्ग के भैया/बहिनों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के जीवनवृत ,उपदेशों तथा उनसे संबंधित प्रेरक प्रसंग को सहज और प्रभावी रूप से व्यक्त किया।इसके बाद शिशु, बाल एवं किशोर वर्ग की बहिनों द्वारा सुंदर आकर्षक रंगों से महापुरुषों के चित्रों को रंगोली के माध्यम से प्रस्तुत किया और प्रतियोगिता में भाग लिया।

इन सभी प्रतियोगिताओं के लिए आचार्य परिवार से तीन-तीन सदस्यों का निर्णायक मंडल गठित कर मूल्यांकन किया गया और क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थानों पर भैया/बहिनों का चयन किया गया।जिसकी घोषणा आगामी कार्यक्रम में की जायेगी।फिर आचार्या संघमित्रा ने अंग्रेजी में स्वामी जी अपने उदगार व्यक्त किया।फिर संस्कृत भाषा में गीत के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के गुणों मधुर स्वर में सुनाया।फिर आचार्य अंजनी श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद जी के उपदेश एवं प्रेरक प्रसंगों को युवाओं के लिए अनमोल, जीवन को सहजता और सरलता जीने के लिए उपयोगी बताया।

भारतीय संस्कृति के महान ज्ञाता तथा विश्व के कई देशों प्रचारक रुप में महत्वपूर्ण भूमिका प्रतिपादित करने वाला बताया तथा युवाओ को उनकेजीवन से शिक्षा ग्रहण करने को कहा।इसके बाद संस्था प्रमुख कुबेर जी ने भी स्वामी विवेकानंद जी के जीवन दृष्टिकोणसे शिक्षा ग्रहणकरने की प्रेरणा दी एवं समरोह में सहभागी सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।फिर कल्याण मंत्र द्वारा समारोह का समापन हुआ।इस उत्सव को सफल बनाने में विद्यार्थियों एवं आचार्य परिवार की अति उत्साही भूमिका निभाई थी।उक्त जानकारी संस्था के प्रचार-प्रसार विभाग प्रमुख अंजनी श्रीवास्तव ने दी है।
