रायगढ़

भाजपा महामंत्री ओपी द्वारा पीएससी परीक्षार्थी का पत्र वायरल किए जाने से मचा बवाल

पीएससी के लेकर ओपी के आक्रामक रवैया से सरकार के हौसले पस्त

रायगढ़. पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र का सोशल मीडिया में वायरल पत्र को ओपी चौधरी द्वारा शेयर किए जाने से पूरे प्रदेश में बवाल मच गया है । वायरल पत्र में कड़वी सच्चाई को देख भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है । विपक्ष के आरोपों के बाद सूबे के मुखिया भूपेश बघेल का बयान भी सामने आया । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जारी बयान में भाजपा कार्यकाल का स्मरण कराते हुए कहा उस दौरान भी नेताओ मंत्रियों अधिकारियों के बच्चे पी एस सी में चयनित हुए लेकिन वे उनकी जानकारी सार्वजनिक नही कर रहे। भाजपा के आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद बताया।

भाजपा नेता ओपी चौधरी द्वारा वायरल किए गए पत्र की सच्चाई देख आम जनता के सामने सरकार की हास्यास्पद स्थिति हो गई। ओपी चौधरी द्वारा अधिकृत सोशल पेज से वायरल पत्र के अनुसार किसी अभ्यर्थी द्वारा पीएससी ग्रुप में बिना नाम के सभी ग्रुप मेंबर्स को संबोधित करते हुए लिखा गया कि राज्य सेवा परीक्षा-2021 में हुई धांधली का अनुभव शेयर कर रहा हूं। दुखी मन से लिखे गए इस पत्र में अभ्यर्थी ने अपनी पहचान छुपाते हुए लिखा कि बिलासपुर में सिविल सेवा कोचिंग के दौरान दोस्त बने। इनसे नोट्स का लेन देन होने लगा इस क्रम में दिसंबर 2021 में क्रिसमस छुट्टियों की रात दोस्त से नोट्स वापस लेने गया तो कमरे के अंदर फैले धुएं मैने असहज महसूस किया। अंदर नशे की पार्टी हो रही थी। मेरे दोस्त से उसके अन्य नशेड़ी दोस्तो से परिचय कराते हुए कहा ये भिलाई में अध्यन रत दोस्त है। परिचय का दायरा बढ़ाते हुए मेरे दोस्त ने बताया कि उसके भिलाई वाले दोस्त के मामा बड़े प्रशासनिक अधिकारी हैं।

इस दौरान दोस्त ने एक बहुत बड़े नेता के नाम का उल्लेख करते हुए बताया कि नेता के साथ मामा की रोज की उठ बैठ है। मैं नोट्स लेकर वापस आ गया। दोबारा जब दोस्त के घर जाना हुआ तो देखा दोस्त मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटा हुआ है।मैंने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि प्री परीक्षा पास नही किए फिर मुख्य परीक्षा की तैयारी कैसे? उसने मेरे सामने एक कापी रखी जिसमे मुख्य परीक्षा से जुड़े कुछ प्रश्न लिखे हुए थे। जिसमे पेपर नंबर 7, पेपर 1 भाषा और निबंध के कुछ विषय थे। चुकी निबंध और हिंदी में मेरी रुचि रही है इसलिए मैं जिज्ञासा वश प्रश्न देखने लगा । दोस्त ने बताया कि उस दिन जिस नशेड़ी दोस्त से मिलवाया था उसी ने इसका उत्तर लिख कर भेजने कहा है। मैंने प्रति प्रश्न किया उस नशेड़ी को इनसे क्या मतलब क्या वो भी परीक्षा दे रहा है। उसने भी कोचिंग ली है। दोस्त ने बताया कि उसने प्री निकाल लिया है। मुख्य परीक्षा को लेकर नोट्स लेता है और चर्चा करता है। उसी ने कुछ प्रश्न भेजे हैं। मेरे लिए यह हैरानी वाली बात रही कि वर्ष 2021 के प्री परीक्षा का प्रश्न पत्र बहुत ही कठिन था पीएससी परीक्षा के इतिहास में कभी इतना कठिन प्रश्न पत्र नही आया। कड़ी मेहनत के बावजूद मैने प्री परीक्षा में उत्तीर्ण नही हो पाया।

खैर पीएससी मुख्य परीक्षा से जुड़े संभावित प्रश्नों के पीडीएफ आने शुरू हुए। तो मैंने भी उनका अवलोक किया। यह बहुत ही हैरानी वाली बात है कि मेरे दोस्त के नशेड़ी दोस्त ने जो प्रश्न भेजे थे ।वही प्रश्न मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र में शामिल थे । हिंदी का पेपर के बाद निबंध का पेपर देखा, वो भी 100% मैच हो रहे थे। मेरे लिए यह चौकाने वाली बात रही।कुछ महीनो के बाद मेरा दोस्त बिलासपुर से भिलाई शिफ्ट हो गया था। सितंबर 2022 में आरक्षण पर माननीय हाईकोर्ट का निर्णय के बाद पीएससी 2021 के परिणाम भी रोक दिए गए थे । पिछले सप्ताह जब 2023 का परिणाम घोषित किया गया। मेरे दोस्त ने बताया कि नशेड़ी मित्र और उसके मामा जो की सीनियर आफिसर है उसके बेटे का भाई चयन हो गया। पीएससी वेबसाइट से चयन सूची में दोस्त द्वारा बताए गए दोनो ही नाम शामिल थे। वो भी टॉप-30 की सूची में शामिल थे। दोबारा मित्र से उनके चयन की जानकारी मांगा और उसने जो बाते बताई उसकी सार्वजनिक नही किया जा सकता । क्योंकि ऐसे बड़े मगरमच्छ खुलासा करने पर हमे निगल सकते है।इस पत्र में भी किसी के नाम का उल्लेख नही किया गया है।

सुरक्षा गत कारणों से मेरी पहचान भी मैने छिपाई है । पीएससी की परीक्षा प्रणाली को को लेकर इस अभ्यर्थी ने कुछ सवाल भी किया । पीएससी जैसी संवैधानक संस्था का यह कैसा हाल है कि नशेड़ियों व व्यसनियों का चयन हो रहा है। ऐसे चयन होने से पद के प्रति जनता का सम्मान कम होगा की और आयोग की गरिमा समाप्त होगी। मेरे जैसा आम अभ्यर्थी ठगा सा महसूस कर रहा है। हतोसत्साहित होकर निराशा से घिर रहा है ।ऐसे व्यसनी, अनैतिक, नशेड़ी लोग चयनित होंगे तो प्रशासनिक व्यवस्था को घुन की भांति खोखला करेंगे । इस बार के परिणाम में टॉपर्स की सूची में भी भाई भतीजावाद और नौकरशाहों के सहजादो के नाम शामिल हावी हैं। इस वर्ष के टॉपर्स में बहुत से ऐसे चयनित हैं ,जिनमें न कोई चार्म दिख रहा है, न कोई स्पार्क, न ही उनकी अभियक्ति में कोई आकर्षण नजर आ रहा । ओपी चौधरी के द्वारा इस गुमनाम पत्र को वायरल किए जाने से प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है।

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