रायगढ़

रायगढ़ में एक्सपोर्ट हब बनने की प्रचुर संभावनाएं, निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ लें स्थानीय उद्यमी-कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल

‘विदेशों में निर्यात संवर्धन’ विषय पर आयोजित हुई वर्कशॉप, डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड ऑफिस नागपुर के अधिकारियों ने दिया मार्गदर्शन

निर्यात वित्त विकल्पों, कस्टम प्रक्रिया, एमएसएमई ऋण, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग के बारे में इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने साझा की जानकारी

रायगढ़. रायगढ़ प्रदेश का औद्योगिक जिला है। यहां कई तरह के उत्पाद तैयार होते हैं। जिनका मार्केट विस्तार विदेशों तक किया जा सकता है। फॉरेन ट्रेड में केंद्र सरकार निर्यात बंधु स्कीम के तहत उद्यमियों को न केवल विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और छूट दे रही है, विदेशों में ट्रेड फेयर में हिस्सा लेने का अवसर भी प्रदान कर रहा है। स्थानीय उद्यमियों को इसका लाभ लेना चाहिए। यह बातें कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले के उद्यमियों से कही। वे जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा फॉरेन ट्रेड पर आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे।


कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि भारत सरकार विदेश में निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए फॉरेन ट्रेड पॉलिसी का निर्माण करती है। इसके जरिए विभिन्न सेक्टर के उद्योगों को वैश्विक स्तर में व्यापार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने में सहयोग दिया जाता है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ में सुदृढ़ औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। आयरन और स्टील के साथ यहां कृषि व उद्यानिकीए हैंडीक्राफ्टए हैंडलूमए कोसा वस्त्रए झारा शिल्प के क्षेत्र में निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। अत: निर्यात के लिए अनुकूल मार्केट तलाश कर वहां निर्यात शुरू किया जा सकता है। इससे मुनाफा बढ़ेगा और मार्केट डायवर्सिफिकेशन के कारण सिर्फ एक तरह के बाजार पर निर्भरता का रिस्क कम होगा।


उल्लेखनीय है कि महानिदेशक, विदेश व्यापार और विकास आयुक्त, मिहान सेज, क्षेत्रीय प्राधिकरण नागपुर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार, उद्योग संचालनालय छत्तीसगढ़ एवं कलेक्टर रायगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में निर्यात बंधुस्कीम के अंतर्गत निर्यात आउटरिच कार्यक्रम का आयोजन आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संपन्न हुआ। इस कार्यशाला में डीजीएफटी नागपुर, सूक्ष्म-लघु-मध्यम उद्यम विकास कार्यालय रायपुर, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय डाक, अमेजन ग्लोबल/इण्डिया मार्ट आदि के द्वारा निर्यात संवर्धन के लिये निर्यात वित्त विकल्पों, कस्टम प्रक्रिया, एमएसएमई ऋण, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग सहित विभिन्न तरीकों से जिले के उत्पादों और सेवाओं की व्यापक और वैश्विक पहुंच बनाने के लिये एक मंच प्रदान करने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई। निर्यात में रूचि रखने वाली औद्योगिक इकाईयां, कृषि उत्पादक संगठन, स्व-सहायता समूह एवं उद्यमीगण इस कार्यशाला में उपस्थित हुये।


श्री गौरव सहारे, एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, डीजीएफटी नागपुर के द्वारा पीपीटी के माध्यम से आईईसी (इम्पोर्ट एक्सपोर्ट सर्टिफिकेट) प्राप्त करने हेतु दस्तावेज, उपयोगी लिंक, फीस एवं भुगतान की प्रकिया, ऑनलाईन माध्यम से डीजीएफटी के साईट में यूजर आईडी बनाना एवं रजिस्टर करना आदि के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान कर एमएसएमई की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं सीजीटीएमएसई, मुद्रा ऋण के बारे में भी अवगत कराया गया।
श्री प्रणय चहान्दे, एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, डीजीएफटी नागपुर द्वारा कस्टम की प्रक्रिया-बिल ऑफ एण्ट्री, शिपिंग बिल, इंटरनेशनल कामर्शियल टर्म, रोल ऑफ कस्टम हाउस एजेंट आदि के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया। श्री पंकज पटेल, ऑफिस सुपरवाईजरए पोस्ट ऑफिस द्वारा छोटे गांव शहरों से डाक घर निर्यात केन्द्र के माध्यम से विदेशों तक सुरक्षित तरीके से निर्यात के संबंध में मार्गदर्शन किया गया। सुश्री नेहा गोड़बोले, अमेजन ग्लोबल द्वारा वेबकान्फ्रेंस से जुड़कर एक्सपोर्ट होने वाले वस्तुओं के अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने, विदेशों में उनका नेटवर्क एवं लॉजिस्टिक्स आदि विषय से अवगत कराया गया। श्री मनुवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रबंधक बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयात-निर्यात के दौरान क्रेता-विक्रेता के मध्यम से होने वाले भुगतान में बैक की भूमिका से अवगत कराया गया।


कार्यशाला में श्री प्रतीक गजभिये, सेक्शन हेड, डीजीएफटी, नागपुर, श्री तपन कुमार सेटी, श्री एम पवार, उप संचालक रेशम विभाग, श्री आर के करियम, रेशम विभाग, श्री मृगेन्द्र साहू, महाप्रबंधक, एसएमई एसबीआई रायगढ़, श्री रामधन खूंटे, प्रबंधक एवं रायगढ़ जिले के उद्योगपति तथा एफपीओ के सदस्य सम्मिलित हुए। निर्यात के संबंध में श्री संजीव सुखदेवे मुख्य महा प्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़ ने अवगत कराया कि वर्तमान में जिले से स्टील एवं आयरन के विभिन्न उत्पाद निर्यात किये जा रहे हैं। निर्यातक उद्योगों को औद्योगिक नीति के तहत भी लाभान्वित किया जा रहा है।
आईसी कार्ड से निर्यातक बनने का सफर करें शुरू


कलेक्टर श्री गोयल ने बताया कि विदेश में व्यापार के लिए आईसी कार्ड बनाना होता है। यह इंपोर्ट एक्सपोर्ट कार्ड कहलाता है। यह निर्यातक बनने की पहली कड़ी है। इससे कोई उद्यमी या व्यापारी विभाग के पास देश के बाहर निर्यात करने के लिए पंजीकृत हो जाता है। उन्होंने उदाहरण के माध्यम से समझाया कि इस कार्ड के होने से सीधे विदेश के इंपोर्टर से व्यापार किया जा सकता है। उन्होंने स्थानीय उद्यमियों को यह कार्ड बनवाने की सलाह दी। जिला व्यापार और उद्योग केंद्र को इसमें आवश्यक सहयोग के लिए निर्देशित किया।


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