रायगढ़

ind synergy; ईडी ने पकड़ी इंड सिनर्जी में टैक्स चोरी, दो माह बाद प्रबंधन ने सैकड़ों कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए ही काम से निकाला

रायगढ़. ind synergy; इंड सिनर्जी उद्योग ने रायगढ़ जिले के जामगांव स्थित प्लांट से सैकड़ो कर्मचारियों को एक साथ बिना नोटिस दिए ही निकाल बाहर किया है. अचानक से अपनी नौकरी गंवा बैठे कर्मचारियों के समक्ष अब कोई नया काम नहीं है और वे बेरोजगार हो गए हैं. काम से निकाले गए अधिकांश कर्मचारी अलग-अलग प्रांतों से आकर इस उद्योग में काम पर लगे हुए थे, और किराए के मकानों में रहकर परिवार की आजीविका चला रहे थे, लेकिन उद्योग प्रबंधन की ओर से इन कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए ही काम से बाहर कर दिया गया।

ऐसे में इन कर्मचारियों के समक्ष अपने भरण पोषण की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है. नियमतः कंपनी प्रबंधन की ओर से अपने कर्मचारियों को निकालने के तीन माह पूर्व नोटिस दिया जाना था ताकि वे कर्मचारी अपने लिए कहीं और नौकरी ढूंढ सके, या फिर 3 माह का अग्रिम वेतन दिया जाता। लेकिन उद्योग प्रबंधन ने अपनी मनमानी करते हुए कर्मचारियों के भविष्य और उनके परिवार के भरण पोषण की कोई परवाह नहीं की, ऐसे में कंपनी प्रबंधन की इस दादागिरी और तानाशाही रवैया को देखते हुए अधिकांश कर्मचारियों में जमकर आक्रोश है और आने वाले दिनों में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करने की मानसिकता बना रहे हैं।


नौकरी से निकालने की वजह क्या हैं
मिली जानकारी के अनुसारind synergy; इंड सिनर्जी में दो माह पूर्व आईटी की रेड पड़ी हुई थी, यह रेड कई दिनों तक लगातार चलती रही, जिसमें टैक्स चोरी के आरोप में कंपनी प्रबंधन के विरुद्ध करोड़ों रुपए का पेनल्टी लगा दिया गया. इस कार्रवाई से कंपनी प्रबंधन की पूरी बनी बनाई व्यवस्था हिल गई, उसे अपने प्लाट की कुछ यूनिटों को बंद करना पड़ गया. इस कारण कंपनी प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि आईटी विभाग ने दस्तावेजी प्रमाणों के आधार पर कंपनी प्रबंधन की टैक्स चोरी पकड़ी है इसलिए कंपनी प्रबंधन पर पेनाल्टी लगाई गई, लेकिन दूसरी तरफ कंपनी में कार्यरत श्रमिक अपनी पूरी ऊर्जा और ईमानदारी से काम पर लगे हुए थे, उन्हें इस बात की जरा सी भी भनक नहीं थी कि वह जिस कंपनी में काम कर रहे हैं उस कंपनी का प्रबंधक इतना बड़ा चोर है कि टैक्स के रूप में दिया जाने वाला सरकारी हिस्सा वह सरकारी खजाने में न रखकर अपनी जेब में रख रहा है.

कर्मचारियों से जबरिया लिखाए जा रहे इस्तीफे
कुछ कर्मचारियों ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि कंपनी प्रबंधन की ओर से अपने बाहुबल के जोर पर और एनओसी न देने की धमकी देते हुए कर्मचारियों से इस्तीफा लिखाया जा रहा है, ताकि यह बताया जा सके की कंपनी ने कर्मचारियों को नहीं निकाला है बल्कि कर्मचारियों ने स्वयं ही अपना इस्तीफा दिया है. और कर्मचारियों के प्रति कंपनी का कोई दायित्व नहीं है. यदि कर्मचारी स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देता है तो वह कर्मचारी किसी अन्य कंपनी में भी काम नहीं कर पाएगा, क्योंकि किसी भी कंपनी में जाने पर उससे यही पूछा जाएगा कि वह पूर्व में किस कंपनी में कार्यरत था और यदि इंड्स एनर्जी में कार्यरत था तो वहां से उसे क्यों निकाला गया. अब यदि ind synergy; इंड सिनर्जी कंपनी प्रबंधन की इच्छा और दादागिरी के आगे नतमस्तक होकर कर्मचारी अपना इस्तीफा दे देता है तो कंपनी प्रबंधन उसे नो ड्यूज दे देगा लेकिन यदि कोई कर्मचारी उक्त मनमानी और दादागिरी का विरोध करता है तो उसे यह नोड्यूज़ नहीं मिलेगा और न ही वह कर्मचारी किसी अन्य उद्योग में काम पा सकेगा. यही कारण है कि इस उद्योग के सैकड़ो कर्मचारी कंपनी प्रबंधन की मनमानी और दादागिरी के आगे मजबूर है.

नियम कानून के विपरीत काम कर रहा है कंपनी प्रबंधन
ind synergy; इंड सिनर्जी नियम कानून को ताक पर रखकर काम कर रहा है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है की एक ओर कंपनी प्रबंधन टैक्स चोरी कर सरकार और देश के विरोध में काम कर रहा है तो वही श्रमिक कानून की भी धज्जियां उड़ा रहा है और बिना नोटिस दिए इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों को एक साथ बाहर का रास्ता दिखा दिया है. नौकरी छीन जाने के बाद श्रमिक परिवारों के आगे घोर आर्थिक एवं रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों को ऐसे समय पर निकाला है, कि जब मार्च अप्रैल में सभी कंपनियों की ऑडिट और क्लोजिंग होती है इसलिए अन्य कंपनियों में भी इन्हें वर्तमान में रोजगार मिलना बेहद कठिन है.

क्या कहता है कंपनी प्रबंधन
उक्त संबंध में हमारी चर्चा ind synergy; इंड सिनर्जी के एचआर हेड अनिल सोनी से हुई तो पहले तो उन्होंने ऐसे किसी भी बात से इनकार किया, और यह कहा कि आपको यह जानकारी कहां से मिली और जब उनसे यह पूछा गया कि बिना नोटिस के सैकड़ो कर्मचारियों को क्यों निकाला गया तब उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह ज्यादा नहीं बता पाएंगे लेकिन इतना जरूर है कि कंपनी में प्रोडक्शन का काम पिछले दो महीने से ठप्प पड़ा हुआ है, इसलिए अब यहां कर्मचारियों की क्या आवश्यकता है.

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