महापौर पर जल प्रभारी संजय देवांगन ने लगाया अधिकारियों से साठगांठ कर दबाव की राजनीती का आरोप, दिया इस्तीफा
रायगढ़। नगर पालिक निगम रायगढ़ महापौर व अधिकारियों के सौतेले बर्ताव पर हमेशा आंसू बहाता आया है, इसका ताजा उदाहरण आज एमआईसी मेंबर संजय देवांगन के इस्तीफे पर स्पष्ट नजर आ रहा है। श्री देवांगन ने इस्तीफा सौंपने के बाद चर्चा में बताया कि महापौर व आयुक्त की सांठगांठ इतनी तगड़ी है कि वह एमआईसी मेंबरों को भी महत्व नहीं देते, गलत नीति, निर्णय व मनमाने तरीके से टेंडर पास करने व आम जनता पर अपने निर्णय थोपने से बाज नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया जल विभाग व विद्युत विभाग में एक टेंडर को लेकर एमआईसी में एक प्रस्ताव पास किया गया था। वर्तमान में वह टेंडर एमआईसी सदस्यों के सहमत नहीं होने के बावजूद अधिकारियों के टेबल से बकायदा सिग्नेचर होकर एमआईसी मेंबरों को सौंपा गया। इस पर संजय देवांगन ने वर्तमान में जलप्रभारी होते हुवे निर्णय गलत होने का हवाला देते हुए अपनी सहमति न जताते हुए इसका विरोध किया। सभा में विरोध होते देख महापौर ने उन पर दबाव बनाने भरसक कोशिश की। महापौर के दबाव पर ना झुकते हुए संजय देवांगन ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया।
श्री देवांगन ने बताया कि जल विभाग से संबंधित एक फाइल पर बिना नोटशीट के अधिकारियों ने टेंडर को लगभग फाइनल कर दिया है और अब जल प्रभारी पर 4 जुलाई को अयोजित एमआईसी की मीटिंग में टेंडर पास करने व बिना अधिकारी के नोटशीट के लाए गए फाइल पर सहमति बनाने दबाव बनाया जा रहा था। जिस पर जल प्रभारी ने महापौर को अवगत कराया कि वे एक बार सदन में लगे फाइल में अधिकारियो की ओर से नोटशीट जारी होने दे ताकि उन्हें पता हों कि वे किस वजह से उक्त फाइल पर अपना स्वीकृति दे रहे हैं। उन्होने यह भी कहा की अगर कोई भी फाइल सदन में आता है तो उसकी सुनवाई सदन में ही होनी चाहिए न कि अधिकारियो के बंद चैंबर में, अगर ऐसा होता है तो यह सीधा सीधा सदन के सदस्यों का अपमान है। महापौर का विरोध पूर्व में भी अन्य सदस्यों ने किया था।
