रायगढ़

प्रशासनिक अनुमति के बिना मिनी स्टेडियम में लग रहे फटाका स्टॉल, रिहायशी इलाकों से बाहर लगे दुकानें

रायगढ़ । प्रशासन को अपनी जेब मे रखने का दावा करने वाले कुछ चिल्हर फटाका विक्रेताओं ने प्रशासनिक अनुमति के बिना नियम कानून को ताक पर रखते हुए कलेक्ट्रेट के पीछे मिनी स्टेडियम में फटाका विक्रय हेतु स्टॉल का निर्माण शुरू कर दिया है, जबकि पत्रकारों द्वारा दिये गए ज्ञापन पर जाँच रिपोर्ट आना बाकी है।

फुटकर विक्रेताओं को सीमित अवधि के लिये प्रशासन द्वारा फटाका विक्रय हेतु लाइसेंस व निर्धारित स्थल पर विक्रय की अनुमति प्रदान की जाती है। लम्बे समय से फटाका स्टॉल शहर में कभी नटवर स्कूल, इतवारी बाजार में लगते आ रहे थे, किंतु विगत कुछ वर्षों से तहसील ऑफिस के सामने मिनी स्टेडियम में प्रशासन द्वारा व्यवस्था के तहत इन्हें फटाका विक्रय की अनुमति दी जा रही थी।

किन्तु इस वर्ष जनहित को ध्यान में रखते हुए कुछ पत्रकारों ने प्रशासन से फटाका स्टॉल को शहर के घनी आबादी से बाहर ही लगाए जाने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा है। पत्रकारों की मांग है कि रायगढ़ शहर में पूर्व की तुलना में आबादी घनत्व काफी बढ़ गया है। त्योहारी दिनों में काफी भीड़ भाड़ रहती है, और संकरी तंग गलियों, सड़कों के कारण शहर में अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है, और फटाका स्टॉलों में महिलाओं व बच्चों की संख्या भी ज्यादा रहती है। आम रिहायशी इलाकों में इस प्रकार की विस्फोटक सामग्री का विक्रय के दौरान किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना की दशा में भारी जान-माल की क्षति होने की संभावना है।

पत्रकारों की मांग पर कलेक्टर कार्यालय द्वारा संयुक्त जांच दल का गठन करते हुए दीपावली पर्व 2023 के लिये आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फटाका फुटकर विक्रेताओं हेतु उपयुक्त स्थल का चयन कर 7 दिवस के भीतर जाँच प्रतिवेदन सौपने आदेशित किया गया था। जाँच कर्ताओं की कछुआ चाल के चलते 11 अक्टूबर के ज्ञापन पर कल दिनांक 2 नवंबर तक कोई भी रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय को नहीं सौंपी गई थी।

पत्रकारों द्वारा कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को स्थिति से अवगत कराते हुए बिना अनुमति मिनी स्टेडियम में लग रहे फटाका स्टॉलों के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने व उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु पुनः शिकायत पत्र सौंपा। जिस पर कलेक्टर ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि वे जाँच टीम से चर्चा कर प्रतिवेदन मंगा कर उस पर उचित कार्यवाही करेंगे। बहरहाल अब देखना यह है कि प्रशासन को अपनी जेब मे रखने का दावा कर बिना अनुमति स्टॉल लगाने वाले फटाका विक्रेताओं पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है अथवा यथास्थिति बनाये रखते हुए उनके इस दावे को पुख्ता करता है।

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