गौरेला–पेंड्रा । मरवाही जिले के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में इन दिनों 10वीं 12वीं पास ग्रामीण युवा युवतियों को एक संस्था से ट्रेनिंग दिलाकर गांवों में बीमारियों का इलाज करने हेतु प्रशिक्षित किया गया है। गांव में ई-क्लिनिक खोलकर युवक युवतियां न सिर्फ एमबीबीएस और बीएएमएस डॉक्टरों द्वारा प्रिसक्राइब की जाने वाली दवाइयां दे रहे हैं बल्कि मलेरिया टाइफाइड जैसे रोगियों का परीक्षण और इलाज करने का दावा कर रही है वही स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों को जिले के कई पंचायतों में खुल चुके इन क्लिनिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है इस पूरे मामले की जांच की बात कह रहे हैं।
पेंड्रा मरवाही ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर और नर्स की तरह सफेद एप्रोन पहने हुए पंचायत भवन में यह कोई डॉक्टर या नर्स नहीं है बल्कि पेशेंट केयर असिस्टेंट हैं। यही पद नाम दिया गया है इन ग्रामीण युवक-युवतियों को। सीधी भर्ती की तरह निकाले गए एक विज्ञापन जिसमें 12वीं पास युवक-युवतियों को ग्रामीण इलाकों में पेशेंट केयर असिस्टेंट के पद पर सीधी भर्ती कर ₹13000 प्रतिमाह देने की बात कही गई है। बिलासपुर के नरेश हेल्थ केयर नाम की संस्था के द्वारा ट्रेनिंग देकर ग्रामीण क्षेत्र के युवक युवतियों को पेशेंट केयर असिस्टेंट ग्रामीण इलाकों में मलेरिया, टाइफाइड, सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, स्त्री रोग जैसी कई बीमारियों का परीक्षण के साथ मरीजों का प्राथमिकी उपचार भी करेंगे।
पुरा मामला नौकरी देने के नाम पर झांसा देकर पैसा ऐंठने का प्रतीत हो रहा है साथ ही युवक युवतियों को ग्रामीण इलाके के हर पंचायत में पहुंचा कर वहां निजी अस्पतालों तक ग्रामीणों को रेफर करा कर लाभ कमाने का भी प्रतीत होता है। अनुविभागीय अधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए सीएमएचओ को निर्देशित किया साथ ही बीएमओ को भी कहा कि इस पूरे मामले की विधिवत जांच करें। आदिवासी इलाके के ग्रामीणों के अज्ञानता का फायदा उठाकर कंपनी ने मोटी रकम लेकर इन्हें नौकरी देने के नाम पर जो प्रशिक्षण दिया है उसे देखने से साफ लग रहा है कि कंपनी ने पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टर की फौज तैयार कर दी गई है। बिना चिकित्सकीय जांच के दवाई बांटते फिर रहे हैं।
