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‘भूपेश बघेल को दिए 5.39 करोड़’: ईडी का दावा- अपने पुराने बयान पर कायम है कूरियर, नई चार्जशीट पेश

रायपुर । महादेव सट्टेबाजी एप मामले में फिर एक नया मोड़ आया है। इस केस में गिरफ्तार कथित कूरियर का दावा है कि वह अपने दिए पुराने बयान ‘छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को नकदी “डिलीवर” करने के लिए भेजा गया था’ पर कायम है। इस संबंध में ईडी की ओर से कोर्ट को सूचना दी गई है कि कूरियर अपने दिए पुराने बयान पर कायम है।

प्रवर्तन निदेशालय ने 1 जनवरी को रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी दूसरी चार्जशीट में कहा था कि दास ने 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज कराया था , जिसमें वह अपने पुराने बयान से मुकर गया था। उसका 3 नवंबर को दिया बयान किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में दिया गया था, जो दास के वकील के साथ आया था।” अब इस मामले में ईडी ने उम्मीद जताई है कि रायपुर कोर्ट 10 जनवरी को इस पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी। ईडी ने अपनी नई चार्जशीट में कहा कि उसने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दुबई स्थित 99.46 करोड़ रुपये के एक फ्लैट और एक प्लॉट को जब्त किया है, क्योंकि उसने उसे जब्त करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी।

क्या था मामला. विधानसभा चुनाव 2023 के पहले चरण से ठीक पहले नवंबर में रायपुर के एक होटल से कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। उस दौरान उसने दावा किया था कि जब्त 5.39 करोड़ रुपये महादेव एप प्रमोटरों की ओर से छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने के लिए दी गई थी। बाद में वह अपने बयान से मुकर गया था। इतना ही नहीं उसने कोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे इस मामले में उसे साजिशन फंसाया गया था। उसे जबरन अंग्रेजी भाषा में लिखे एक बयान पर हस्ताक्षर लिया गया था, जबकि उसे यह भाषा ही नहीं आती। उसने अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने कभी राजनेताओं को कैश नहीं पहुंचाया और उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। दास ने जेल में ईडी के डायरेक्टर और दूसरे बड़े अधिकारियों को लिखे लेटर में कहा कि उस पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। उसने अपनी गिरफ्तारी की परिस्थितियों के बारे में लेटर में जानकारी दी थी। हालांकि दास का बयान ईडी के बयान के विपरीत है। दास ने कहा था कि उसे रायपुर एयरपोर्ट से एक कार लेने के लिए कहा गया था और अज्ञात व्यक्ति ने कार में बैग में नगदी रखे थे। उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वीडियो के आने के बाद उसे हिरासत में लिया गया था और बाद में उसे एहसास हुआ कि घोटाला में फंसाया जा रहा है।

ईडी का कौन सा बयान ज्यादा सही माना जाए’ इस मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी अब जांच एजेंसी नहीं रह गई है, वह बीजेपी की षडयंत्रकारी एजेंसी बन चुकी है, जिस कूरियर असीम दास के बयान के आधार पर आनन-फानन में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी ने प्रेस नोट जारी किया था। उसी दास ने कोर्ट में अपने उस बयान का खंडन किया था और कहा था कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती। ईडी ने जबरन उससे हस्ताक्षर करवाया था। उसने ये बयान अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में दिया था। अब ईडी इस मामले में एक बार फिर से उसके बयान को झूठलाने के लिए जेल के अंदर जाकर बयान ली है, तो इस मामले में कौन सा बयान ज्यादा सही माना जाए। जो ईडी ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करके शुरू में लिया था या दास ने अपने वकील के माध्यम से जो कोर्ट में बयान दिया था या फिर ईडी ने जेल में जाकर उससे जो बयान लिया था। यह तीनों बयान का विश्लेषण करने के बाद साफ हो जाता है कि यह ईडी का षडयंत्र मात्र है। कांग्रेस पूरी तरीके से इसका मुकाबला करेगी। पूर्व सीएम भूपेश बघेल इस मामले से पूरी तरह से पाक साफ होकर निकलेंगे। भाजपा का षडयंत्र बेनकाब होगा।

पूर्व सीएम बघेल ने किया था खंडन. इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ईडी के आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए ईडी का दुरुपयोग करने में लगी है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान महादेव एप मामला गरमाया हुआ था। इस मामले बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे।

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