घटना क्रम पर अगर ध्यान दिया जाए तो उक्त घटना क्षेत्र के किसी ईसाई व्यक्ति के घर पर बोर खनन और जमीन विवाद को लेकर घटित की गई। एक एसडीओपी रैंक के अधिकारी के द्वारा बैठकर उक्त स्थान पर बोर खनन का कार्य समझ से परे है। आपको यह बताना भी जरूरी है कि इस क्षेत्र में सर्वाधिक धर्मांतरण के मामले होते हैं, हिंदुओं को ईसाई बनाना और जगह-जगह ईसाई आयोजन करना इस क्षेत्र में सर्वाधिक होता है। जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह उक्त बात का पुरजोर विरोध करते रहे हैं। हिंदूवादी विचारक और क्षेत्र के धर्म परायण नेता होने के साथ-साथ उनका संबंध गहिरा गुरु आश्रम से रहा है जिसके कारण द्वेषवस उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
उक्त कार्रवाई करने के बाद क्षेत्रीय पुलिस प्रशासन अब इस मामले की लीपापोती में लगा हुआ है। आरक्षको की बात करें तो वे दोनों आरक्षक क्षेत्र में हिंदू धर्म के प्रचार–प्रसार में सहयोग भी करते थे, और स्वयं भी हिंदू थे। यही कारण है कि पुलिस ने उन पर गाज गिराई है और दोषी एसडीओपी को महज लाइन अटैच करके खानापूर्ति कर रही है। मैं रत्थु लाल गुप्ता जिला भाजपा मंत्री रायगढ़ इस बात का पुरजोर विरोध करता हूं और पुलिस प्रशासन को आगाह करता हूं कि समय रहते अगर उक्त मामले में निष्पक्ष कार्यवाही नहीं की गई तो जिले भर में और हिंदूवादी विचारधारा के लोगों में यह आक्रोश विस्फोटक रूप ले सकता है। उक्त हिंदू विरोधी व्यक्ति पर आदिवासी अत्याचार अधिनियम के तहत जरूर से जरूर कार्यवाही की जानी चाहिए।
