रायगढ़

सरपंच के साथ पंच लेंगे शपथ ,गांव के लोगों को बड़ी उम्मीद


लक्ष्मी नारायण लहरे “साहिल”

कोसीर। सारंगढ़ जिला मुख्यालय के ऐतिहासिक नगरी कोसीर अपने आप में एक बड़ा नाम है यहां सरपंच बनना बड़ी उपलब्धि मानी जाती है ।इतिहास की नजर से गौर किया जाय तो यह गांव एक बड़ा गांव रहा है जो नगर पंचायत के दौर में रहकर भी नहीं बन सका कमजोर इच्छा शक्ति कहें या राजनीतिक शिकार । गांव का विकास जिस तेजी से होना था आज भी नहीं हो सका कई युवा सरपंच बने पर कमजोर इच्छा शक्ति का शिकार हुए । समय अब बदलाव की है गांव में बहुत सारे समस्याएं हैं जिसे सुधार की आज जरूरत है । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में पंच में भी अच्छे सोंच के लोग इस बार आए हुए हैं उनका सरपंच से तालमेल कैसा रहता है यह गर्भ में है पर गांव में जो वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है वह क्या अब पूरा हो सकेगा ? गांव की आम आदमी को स्वास्थ्य ,शिक्षा ,पानी ,साफ -सफाई और बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर अब अमल करने की जरूरत है । इस चुनाव में श्रीमती सुमन राव सरपंच चुनी गई है जो युवा हैं 31 वर्ष की हैं जो समाज के हित में गांव के हित में बहुत सारे निर्णय लेनी है अपने शपथ समारोह में उन्हें अपने इच्छा शक्ति से सबल नारी और नारी सशक्तिकरण को महत्त्व देते हुए कार्य करना होगा ।गांव के तस्वीर बदलनी होगी गांव के हृदय स्थल में असामाजिक तत्व के लोगों का आना जाना होता है नशे में यहां गंदगी वर्षों से फैला रखे हैं ऐसे लोगों को भी सबक सिखाने की आज जरूरत है करोना काल से गांव की गलियों में महुआ का शराब फल फूल रहा है इन सब पर गहराई सोचने की जरूरत है गांव का साफ सुथरा अब चरित्र निर्माण युवा महिला सुमन राव के ऊपर है वे गांव को किस ओर आगे ले जायेंगे ।गांव में परिवर्तन की आज जरूरत है नई पीढ़ी को गांव के धरोहरों को सहेजकर रखना होगा ।
जीवन दायिनी तालाब की स्थिति बत से बत्तर हो रही है बहुत ऐसे तालाब है जो मर गए हैं इन सभी विषयों के साथ कई ऐसे मुद्दे हैं जिसमें परिवर्तन की जरूरत है गांव की पहचान बनाना गांव के सरपंच के सर पर होता हैं उनके जो मार्गदर्शक हैं उन्हें उनका मार्ग दर्शन करना होगा वहीं उनके कुछ घोषणाएं हैं उन्हें अमल करते हुए दिखना भी होगा शपथ के साथ एक नई जिम्मेदारी निभानी होगी गांव के आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा एक नया अध्याय लिखना होगा कई विषम परिस्थितियों से सामना करना भी होगा यहां की जनता कभी सरपंच से सवाल नहीं करते ? गांव का मेला मड़ाई नवरात्र पर्व आदि यहां की पहचान रही है जिसे उत्सव के रूप में भी बदलाव की आज जरूरत है विश्वास है गांव की सरकार अपनी अच्छी सोंच से गांव का विकास करेंगे ।शपथ समारोह की अशेष शुभकामनाएं…..

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