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युवाओं की सही सोच ही आने वाले समय में बदलाव का कारक बनेंगी: डा. चौबे

सारंगढ़। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा “महिला सशक्तिकरण का समर्थन एवं दहेज प्रथा का विरोध” विषय पर महाविद्यालय के सभागार में कायक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अतिथि वक्ता डॉ. श्वेता चौबे, प्राध्यापक एवम विभागाध्यक्ष, बेसिक साइंस एवम ह्यूमैनिटीज द्वारा इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि – “जब तक हमारा युवा वर्ग जागरूक नहीं होगा तब तक इस दहेज रुपी दानव का विनाश संभव नहीं है। युवा वर्ग को ही सामने आकर अपने परिवार तथा अपने आसपास के लोगों से इस विषय पर सकारात्मक चर्चा कर सभी को‌ समझाना होगा कि दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही अपराध है।

डा. चौबे ने कहा कि युवा वर्ग की सोच में बदलाव से ही समाज की सोच में परिवर्तन संभव हो पाएगा। कार्यक्रम का समन्वय श्री देवाशीष पटेल, आशुतोष, आशीष पटेल एवं वासुदेव पटेल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान ऑडिटोरियम में प्रोजेक्टर कि‌‌ सहायता से दहेज प्रथा के विरोध पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री फिल्म दिखाई गई जिससे उपस्थित सभी छात्र छात्राओं में सकारात्मक संदेश गया। कार्यक्रम के दौरान दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, आईपीसी की धारा 304 (ख)-(दहेज हत्या प्रकरण) ;398 (क)- (पति अथवा रिश्तेदार द्वारा क्रूरता) , धारा 373 एवं 363 के विषय में भी जानकारी दी गई और उस पर चर्चा की गयी। छत्तीसगढ शासन की महिला एवं बाल विकास अधिकारी लता पटेल जी का इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा। पूरे कार्यक्रम के दौरान आॅडिटोरियम में महाविद्यालय के संकाय सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी एवम अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।

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