मनोरंजन

Ayodhya: प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार हो रही अयोध्या, टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों से सजेंगी दीवारें

अयोध्या. रामनगरी अयोध्या को नव्य-भव्य रूप में सजाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। इस क्रम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने की तैयारी है।


सीएम योगी की मंशा अनुसार अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए इस क्रम में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के माध्यम से एजेंसी चुनने के लिए आवेदन मांगे हैं।


एडीए के अनुसार प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की आगामी डिजाइन, निर्माण, स्थापना व इसकी समकालीन जीवंतता को बढ़ाने के साथ अयोध्या की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। ये भित्तिचित्र दृश्य इतिहास के रूप में काम करेंगे, जो पवित्र किंवदंतियों, महाकाव्यों और कहानियों का वर्णन करते हैं, जो सदियों से अयोध्या के हदयस्थल पर अंकित हैं। ये शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे।

मूर्ति चयन में इन बिंदुओं का रखा जाएगा ध्यान


ट्रस्ट के सूत्रों ने बताया कि आईआईटी हैदराबाद की रिपोर्ट भी मूर्ति के चयन का आधार बनेगी। तीनों पत्थरों की गुणवत्ता की जांच आईआईटी हैदराबाद से ही कराई गई है। मूर्ति के चयन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि किस पत्थर की सबसे लंबी आयु है और चमक कितने वर्षों तक बरकरार रहेगी। मूर्ति की रोजाना पूजा-अर्चना श्रृंगार आदि होगा। चंदन, तिलक आदि लगाए जाएंगे तो मूर्ति पर दाग या निशान तो नहीं बनेंगे। मूर्ति पर प्रकाश फैलाने पर तीनों में से कौन सी मूर्ति सबसे भव्य व आकर्षक दिखेगी। चूंकि रामलला की मूर्ति बालक रूप में होगी, इसलिए बालसुलभ कोमलता किस मूर्ति में ज्यादा झलकेगी। इन सभी का ध्यान रखकर चयन किया जाएगा।

नौ फीट ऊंचाई व 20 फीट चौड़ी होंगी टेराकोटा कलाकृतियां

टेराकोटा भित्तिचित्र पहल ऐतिहासिक सिटी सर्किट और हेरिटेज वॉक की एडीए की रणनीति के अनुरूप है। 50 से ज्यादा म्यूरल स्कल्प्चर्स व भित्ति चित्र पेंटिंग्स की ऊंचाई नौ फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी। इनकी थीम अलग-अलग रामायण कांड पर आधारित होगी। इन्हें बनाने में महीन मिट्टी (केवल नदी तल की फाइन क्ले) का उपयोग होगा। संक्षारण से बचने के लिए कलाकृतियों के निर्माण के लिए चयनित मिट्टी यूरिया और नमक से मुक्त होगी। वहीं, कलाकृतियों की बेकिंग (फायरिंग) को 970-1050-डिग्री तापमान पर पकाया जाएगा। भित्तिचित्रों का उभार आठ इंच होगा। प्रत्येक भाग, टुकड़े और ब्लॉक को पॉलिमर मोर्टार के माध्यम से दीवार पर लगाया जाएगा जिन पर वेदर कोटिंग वाले पेंट ही लगाए जाएंगे।

वशिष्ठ कुंज समेत कई परियोजनाओं पर तेजी से हो रहा काम

वशिष्ठ कुंज में रेजिडेंशियल हॉलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए डेवलपमेंट एजेंसी के चयन, मल्टी कलर्ड आउटडोर नियोन लाइट्स की स्थापना समेत शहर भर में अयोध्या के लोगों को लगाने के लिए एजेंसी के निर्धारण की प्रक्रिया पर भी तेजी से कार्य हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button