रायपुर। एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन लगातार छत्तीसगढ़ी भाषा को एक उचित स्थान दिलाने संघर्ष कर रहा है. लगातार छत्तीसगढ़ी की लड़ाई सड़क मे उतर कर लड़ रहा है. संगठन की कोशिस थी की नयी सरकार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शपथ छत्तीसगढ़ी भाषा म हो. पर हो नहीं पाया.
एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने विधायकों को पत्र लिखकर विधानसभा मे छत्तीसगढ़ी मे शपथ लेने की मांग की है साथ ही 19 दिसम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा की कार्यवाही छत्तीसगढ़ी मे करने की मांग संगठन ने उठाई है. गौर तलब है की छत्तीसगढ़ी प्रदेश के ढाई करोड़ लोगो की मातृभाषा है इसे तत्कालीन भाजपा सरकार रमन सिंह दुवारा 2007 मे राजभाषा का दर्जा दिया जा चूका है इसके बाद भी इस भाषा को न सरकारी कामों मे प्रयुक्त की जाती है और न ही इसे कही पर महत्व दिया जाता है. संगठन दुवारा लगातार विधायकों से मिलकर छत्तीसगढ़ी भाषा को एक उचित स्थान दिलाने की मांग किया जा रहा है. अन्य प्रदेश मे शपथ और विधानसभा की कार्यवाही वहाँ के स्थानीय भाषा मे होती है जैसे – ओड़िसा मे उड़िया, बंगाल मे बंगाली, पंजाब मे पंजाबी, तेलंगाना मे तेलगु, तमिलनाडु मे तमिल, गुजरात मे गुजराती ऐसे ही छत्तीसगढ़ मे छत्तीसगढ़ी मे सपन्न होनी चाहिए.अपनी भाषा मे होने से एक जुड़ाव पन रहेगा और हमारी मातृभाषा को पूर्ण राजभाषा का सम्मान भी मिल पायेगा.
