रायगढ़। श्री श्याम मंडल द्वारा संजय काम्प्लेक्स स्थित श्याम बगीची में दो दिवसीय 41वें विराट श्री श्याम फाल्गुन उत्सव चंग धमाल्य मनाया जा रहा है। पहले दिन दिव्य श्री श्याम अखंड ज्योतिपाठ का आयोजन हुआ। दूसरे दिन बुधवार को भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें बाहर से आए ख्यातिप्राप्त भजन गायकों ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी। फाल्गुन उत्सव के तीसरे व अंतिम दिन शनिवार फाल्गुन शुदी द्वादशी को shyam prabhu; श्री श्याम प्रभु की महाआरती के पश्चात भजन कीर्तन, खीर, चूरमा, पंचमेवा एवं सवामणी भोग प्रसाद बाहर एवं नगर के भक्तों द्वारा लगाया जाएगा।
श्री श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि दूसरे व अंतिम दिन गुरूवार को ब्रम्ह मुहूर्त में विशेष मंत्रोच्चारण के साथ श्री shyam prabhu; श्याम प्रभु की महाआरती होगी और मक्खन मिश्री का भोग लगाया जाएगा। उसके बाद श्री श्याम की अखंड ज्योत प्रज्जवलित होगा। सुबह 10 बजे से नगर एवं बाहर के श्रद्धालु भक्तजन सपरिवार श्री श्याम प्रभु को ढाई टन से भी अधिक चूरमे का भोग प्रसाद लगाएंगे।
ज्ञात हो कि जो भक्त श्री श्याम प्रभु से अपनी मनोकामनाए की पूर्ण करने हेतु अरदास लगाते है, जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है तभी भक्त सपरिवार आकर सवामणी खीर चूरमा का भोग प्रसाद लगा कर अपनी मनौती पूरी करते हैं। इस शुभ अवसर पर कलकत्ता से आये कारिगरों द्वारा श्री श्याम प्रभु का फूलों से अलौकिक श्रृंगार किया गया है। थर्माकोल, झालरों एवं फूलों के गुलदस्तों से मंदिर परिसर एवं मुख्य द्वार पर आकर्षक सजावट की गई है। श्री shyam prabhu; श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि फाल्गुन एकादशी पर जहां खाटूधाम में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं ने श्याम प्रभु का दर्शन किया, वहीं रायगढ़ में भी संजय काम्प्लेक्स स्थित श्याम मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्याम भक्तों ने सपरिवार दर्शन कर अपने जीवन को धन्य किया।
इसलिए मनाते हैं फाल्गुन उत्सव
श्री shyam prabhu; श्याम मंडल के प्रचार मंत्री महावीर अग्रवाल ने बताया कि महाभारत के दौरान वीर बर्बरीक ने अपनी अद्भुत बाण परीक्षा से श्रीकृष्ण को अचंभित कर दिया था। भगवान श्री कृष्ण के कहने पर उन्होंने अपना शीश दान कर कलियुग में 16 कलाओं के अवतारी माने जाते हुए श्याम नाम से घर घर पूजित होने का वरदान प्राप्त किया। कलियुग के प्रथम चरण में सीकर राजस्थान के खाटू स्थित ग्राम में shyam prabhu; श्याम प्रभु का साक्षात शीश फाल्गुन शुदी एकादशी को प्रकट हुआ। वहां के तत्कालीन राजा ने स्वप्न से मिले आदेश पर वहां मंदिर का निर्माण कराया। तभी से भक्त लाखों की संख्या में खाटू पहुंच कर दर्शन कर अपना जीवन धन्य करते हैं। इन दो दिनों में श्री shyam prabhu; श्याम मंदिर अगाध श्रद्धा का केन्द्र बिन्दु बन जाता है।
