कोरबा

Korba news नरईबोध गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किसान सभा की अगुआई में भूविस्थापितों ने किया एसईसीएल कुसमुंडा कार्यालय का घेराव

Korba news कुसमुंडा (कोरबा)। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा आज नरईबोध गोलीकांड की 26 वीं बरसी के अवसर इस गोलीकांड में शहीद गोपाल दास एवं फिरतु दास को श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा भूविस्थापितों के लिए उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। इस संकल्प सभा के बाद 40 गांवों के सैकड़ों किसानों ने रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर एसईसीएल के कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया, जो 10 घंटे तक चला। इस बीच जमकर बारिश भी हुई, तीन बार एसईसीएल प्रबंधन ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी, लेकिन आंदोलनकारी कार्यालय को घेरकर डटे रहे। इधर महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष किसानों के अनिश्चितकालीन धरना के 648 दिन पूरे हो गए हैं और धरना खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

Korba news उल्लेखनीय है कि आज से 26 साल पहले 11अगस्त 1997 को एसईसीएल कुसमुंडा खदान के लक्ष्मण परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों द्वारा शांति पूर्ण विरोध किया जा रहा था। विरोध कर रहे ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच शांतिपूर्ण वार्तालाप चल ही रही थी कि एसईसीएल प्रबंधन के इशारे पर पुलिस ने बाहर चुपचाप और निहत्थे बैठे किसानों के ऊपर गोली चला दी थी, जिसमें दो भूविस्थापित गोपाल दास एवं फिरतु दास की मौत हो गयी थी और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गोलीकांड के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करने के बजाय गांव के ही निर्दोष 29 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। इन दोनों शहीदों की याद में और भूविस्थापितों की मांगों को केंद्र में रखकर किसान सभा हर साल इस दिन संघर्ष और संकल्प सभा आयोजित करती है।

Korba news घेराव को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने किसानों और ग्रामीणों की लाशों पर महल खड़ा करने का स्टॉप एसईसीएल पर लगाया। उन्होंने कहा कि किसान सभा इस बर्बादी के खिलाफ भू विस्थापितों के संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि खम्हरिया के किसान 40 वर्षों से जिस जमीन पर खेती-किसानी कर रहे है, उसे एसईसीएल प्रबंधन किसानों से जबरन छीनना चाहती है, जिसका किसान सभा विरोध करती है और उन जमीनों को मूल भूस्वामी किसानों को वापस करने की मांग करती है।

Korba news किसान सभा के नेता दीपक साहू ने भूमि के बदले पुनर्वास और स्थाई रोजगार की मांग करते हुए कहा कि 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कोयला खदानों के अस्तित्व में आने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय नहीं है। इसलिए भूविस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु यादव आदि ने कहा कि भूविस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।

Korba news पिछले दिनों गेवरा कार्यालय के सफल घेराव को देखते हुए इस घेराव को रोकने के लिए कुसमुंडा थाना प्रभारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, फिर भी भू विस्थापित कुसमुंडा मुख्यालय का 10 घंटे घेराव करने में सफल रहे। उनकी 11 सूत्रीय मांगों पर बिलासपुर सीएमडी द्वारा कोई पहल नहीं किये जाने से भूविस्थापितों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है। यहां छत्तीसगढ़ किसान सभा भूविस्थापितों की समस्याओं को लेकर लगातार आंदोलनरत है और सितंबर माह में जिले के सभी उद्योगों से प्रभावित भूविस्थापित किसानों को एकजुट कर आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।

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