रायगढ़

जिले में 8 स्टेशन से हो रही वायु गुणवत्ता की लगातार मॉनिटरिंग

सी.ए.क्यु.एम.एस.स्टेशन भी किया गया है स्थापित

रायगढ़ जिले की वायु गुणवत्ता है मानक अनुरूप-क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी

केलो नदी जल गुणवत्ता की हो रही ऑनलाईन निगरानी, गत वर्ष की तुलना में पानी की गुणवत्ता में हुआ सुधार

फ्लाईऐश के अवैध परिवहन और निपटान पर जनवरी से अब तक लगाया 34 लाख का जुर्माना

नियमों के उल्लंघन पर उद्योगों पर सतत कार्यवाही जारी

रायगढ़। क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल, रायगढ़ श्री अंकुर साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि रायगढ़ जिले मेंं वृहद स्तर पर स्टील, पॉवर, कोल माईन्स प्रकृति के उद्योग स्थापित है। उद्योगों में वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु आवश्यकतानुसार ईएसपी बैग फिल्टर के साथ जल छिड़काव की व्यवस्था एवं जल प्रदूषण रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार ईटीपी की व्यवस्था करायी गयी है। वृहद श्रेणी के उद्योगों में उत्सर्जन मापन हेतु चिमनी में ऑनलाईन ओपेसिटी मीटर एवं गैस एनालाईजर की स्थापना एवं परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन हेतु आवश्यकतानुसार सी.ए.क्यु.एम.एस.स्टेशन की स्थापना करायी गयी है।

क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री अंकुर साहू ने बताया कि जिले में 8 मापन स्टेशनों के जरिए वायु गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता प्रबोधन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षेत्रीय कार्यालय रायगढ़, ओपी जिंदल औद्योगिक पार्क पूंजीपथरा, ओपी जिंदल स्कूल पतरापाली एवं क्षेत्रीय कार्यालय रायगढ़ में वायु गुणवत्ता मापन स्टेशन की स्थापना की गई है। प्रत्येक केन्द्र में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन किया जा रहा है। साथ ही कोल माईन्स बाहुल्य क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम-कुंजेमुरा, ग्राम-मिलूपारा, तहसील-तमनार, ग्राम-छाल, तहसील-खरसिया एवं औद्योगिक बाहुल्य क्षेत्र ओपी जिंदल औद्योगिक पार्क पूंजीपथरा 4 नग ऑनलाईन परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन केन्द्र की स्थापना की गई है। जिसमें परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन कार्य सतत रूप से किया जा रहा है। जिसकी जानकारी हेतु उक्त चारों स्टेशन का डाटा क्षेत्रीय कार्यालय छ.ग.पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ के मेन गेट में स्थित एलईडी बोर्ड द्वारा सतत् रूप से प्रकाशित की जा रही है। वर्तमान में रायगढ़ जिले की वायु गुणवत्ता मानक अनुरूप है।

केलो नदी जल गुणवत्ता की हो रही ऑनलाईन निगरानी, मैनुअल जांच भी कर रहे, पानी की क्वालिटी सुधरी. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा केलो नदी के जल की गुणवत्ता की निगरानी सतत् रूप से ऑनलाईन माध्यम से की जा रही है। जिसके तहत ऑनलाईन माध्यम के लिए 2 नग सीडब्ल्यु.क्यु.एम.एस.की स्थापना नदी के अपस्ट्रीम केलो डेम एवं डाउन स्ट्रीम में इंटेकवेल के पास बड़े अतरमुड़ा में की गई है। साथ ही मैनुअल पद्धति से प्रतिमाह केलो नदी के जल का नमूना संग्रहण कर प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है। इसी के साथ ही नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगायी गयी है। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष केलो नदी जल गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार है। केलो नदी के जल की गुणवत्ता मानक सीमा के अनुरूप है।

नियमों के उल्लंघन पर उद्योगों पर सतत कार्यवाही जारी. शासन के नियमानुसार उल्लंघन एवं कमी पाये जाने पर जिले में स्थापित उद्योगों पर लगातार कार्यवाही जारी है। विगत 01 वर्ष में 21 उद्योगों को व्यवस्था सुधार हेतु नोटिस एवं 2 उद्योगों को क्लोजर डायरेक्शन जारी किया गया है। साथ ही उद्योगों द्वारा जांच के दौरान प्रदूषण रोकथाम करने में असफल पाये जाने पर विगत 01 वर्ष में 5 लाख 66 हजार 250 रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है।

अवैध फ्लाई ऐश के शिकायत हेतु 7987033406 हेल्प लाईन नंबर जारी. अवैध फ्लाई ऐश के अवैध निस्तारण एवं समुचित व्यवस्था किए बिना परिवहन शिकायत को जनसामान्य हेतु सुगम बनाने मंडल द्वारा फ्लाईऐश वाट्सअप हेल्पलाईन नंबर 7987033406 जारी किया गया है। जिस पर भेजे गये अवैध डम्पिंग एवं परिवहन की शिकायत प्राप्ति पर मंडल द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है। फ्लाई ऐश वाट्सअप हेल्प लाईन नंबर पर शिकायतों पर मंडल द्वारा परिवहनकर्ताओं पर 2 लाख 64 हजार 450 रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है। इसी तरह अवैध फ्लाई ऐश निस्तारण एवं समुचित व्यवस्था किए बिना परिवहन करते पाये जाने पर लगातार कार्यवाही करते हुए जांच अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत जनवरी 2023 से वर्तमान दिवस तक जांच के दौरान अवैध एवं अनियंत्रित अपवहन एवं समुचित व्यवस्था किए बिना परिवहन करते पाये जाने पर 1500 रुपये प्रतिटन के अनुसार से लगभग 34 लाख रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है।

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