सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन ..?

रायगढ़। आए दिन समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों के माध्यम से यह जानकारी मिलती रहती है की सड़क दुर्घटना में बेहिसाब इजाफा हो रहा है अगर इस गंभीर विषय पर सूक्ष्मता से विचार किया जाए और वाहन तथा वाहन चालक के बारे में संपूर्ण जानकारी इकट्ठा की जाए तो इसका जिम्मेदार कहीं ना कहीं परिवहन विभाग ही होगा जो प्रतिदिन बिना यातायात नियमों की जानकारी दिए और निर्धारित प्रपत्र के अनुसार बिना गाइडलाइन का पालन किए धड़ाधड़ चंद रुपयों के लालच में वाहन चालकों को लाइसेंस जारी कर देते हैं। ना तो कोई कार्यवाही की और ना जानकारी दी और जारी कर दिया लाइसेंस ! फिर हम कैसे इन वाहन चालकों से बिना दुर्घटना के वाहन चालन की उम्मीद कर सकते हैं।
माहवार बनाए गए लाइसेंसों के आंकड़े एवं अपात्र घोषित किए गए आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। यानी परिवहन विभाग का सच सामने आ ही जाएगा। जिला मुख्यालय रायगढ़ में स्थित परिवहन कार्यालय का दफ्तर जहां पर सभी प्रकार के वाहनों का दस्तावेजी कार्य पूर्ण किया जाता है यह कार्य नियमों के अनुरूप शासन प्रशासन के द्वारा बनाए गए गाइडलाइन के आधार पर किया जाना चाहिए, परंतु क्या हमारे मुख्यालय में स्थित परिवहन कार्यालय में यह कार्य इसी तरह किया जाता है, यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है।
अगर नियमों की माने तो विभागीय गाइडलाइन के आधार पर एक लाइसेंस चाहे वह लर्निंग हो या स्थाई उसके लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित है एक दुपहिया वाहन के लाइसेंस के लिए 15 मिनट और एक एल एम वी लाइसेंस के लिए आधे घंटे का समय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर निर्धारित है प्रत्येक कार्यालय में कार्यालयीन समय 10:00 से शाम 5:00 बजे तक का होता है उस आधार पर 7 घंटे में 14 लाइसेंस प्रतिदिन अन्य कार्यों को छोड़कर अधिकतम बनाए जाने चाहिए परंतु क्या यह कार्य रायगढ़ परिवहन विभाग के कार्यालय में इसी आधार पर किया जाता है और वह भी आवेदनकर्ता को स्वयं उपस्थित होकर फोटो करा कर और परीक्षा देकर एवं स्वयं हस्ताक्षरित करके करवाना होता है। परंतु यहां पर सभी कार्य दलालों के माध्यम से ज्यादातर किए जाते हैं।
निर्धारित प्रपत्र के अनुसार कितने आवेदनकर्ता निर्धारित प्रपत्र के अनुसार यातायात नियमों की जानकारी के आधार पर परीक्षा पास करते हैं या फिर उन्हें बिना परीक्षा दिए ही पास कर दिया जाता है। इस बात की जानकारी देने वाला इस विभाग में कोई भी नहीं है। अब अगर आंकड़ों की बात करें तो यह आंकड़े चौकाने वाले होते हैं…

जनवरी 2023 से जून 2023 तक 3636 लर्निंग लाइसेंस एवं 6954 स्थाई लाइसेंस जारी किए गए हैं। माहवार अगर बात करें तो जनवरी 2023 में लर्निंग 1836 और स्थाई 980, फरवरी 2023 माह में लर्निंग 460 एवं 1065 स्थाई, मार्च 2023 में लर्निंग 285 स्थाई 1005, अप्रैल 2023 में लर्निंग 448 स्थाई 1466, मई 2023 मैं लर्निंग 364 स्थाई 1040 और जून माह में लर्निंग 243 और स्थाई 1398 लाइसेंस अब तक आरटीओ डीटीओ रायगढ़ द्वारा जारी किए गए है। अर्थात कुल मिलाकर 10570 लाइसेंस 6 माह में जारी किए गए है। जिसमें दिगर प्रांतों के भी लाइसेंस इस विभाग द्वारा जारी किए गए। यहां पर यह बताना भी लाजमी होगा के समीपवर्ती राज्य उड़ीसा के भी लोगों के लाइसेंस यहां पर बनाए जाते हैं, लाइसेंस के लिए ली गई परीक्षा में जनवरी 2023 से जून 2023 तक कोई भी व्यक्ति अपात्र घोषित नहीं किया गया है। अगर लिए गए शुल्क की बात करें तो विभाग द्वारा इन लाइसेंसों के एवज में लर्निंग लाइसेंस के लिए ₹355 .90 मात्र 2 वर्ग के लिए प्रति लाइसेंस यानी 1290780 रुपए तथा स्थाई लाइसेंस के लिए ₹1050 प्रति लाइसेंस यानी7301700, रुपए कुल मिलाकर8592480 की राजस्व प्राप्ति इस विभाग द्वारा की गई है अगर अपात्र लाइसेंसों की बात करें तो इस विभाग द्वारा इनकी संख्या 0 दर्शाई गई है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा कैसे हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए इतनी मात्रा में लाइसेंस कैसे जारी किए जा सकते हैं। वह भी माहवार डाटा इंट्री को जिला परिवहन अधिकारी भी मान्य कर रहे हैं इससे तो यह साबित होता है कि इतने अधिक लाइसेंस जारी होने के बाद रायगढ़ जिले में पैदल चलना अपनी जान जोखिम में डालकर चलना होगा। क्योंकि इतने अधिक लाइसेंस धारी चालक अगर 1 जिले में होंगे तो फिर वहां का परिचालन कैसा होगा आप स्वयं समझ सकते हैं। जबकि यह मात्र 6 माह का ही आंकड़ा है, अन्य जिला मुख्यालयों में अगर इस प्रकार का आंकड़ा निकाला जाए और इस पर लगाम कसी जाए तो निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।
क्या कहते हैं जिला परिवहन अधिकारी दुष्यंत रायस्त. दिए गए लर्निंग एवं स्थाई लाइसेंसों की संख्या सही है और इतने लाइसेंस विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।
