छत्तीसगढ़

Raipur छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: नौकरशाहों और नेताओं ने की 2161 करोड़ की हेराफेरी, ईडी ने दाखिल किया आरोपपत्र

रायपुर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, नेताओं और उनके सहयोगियों व उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने 2,161 करोड़ रुपये का हेरफेर किया। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंगलवार को विशेष अदालत में 13 हजार पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। ईडी के अनुसार सभी आरोपी एक सिंडिकेट चला रहे थे। इनकी भ्रष्ट गतिविधियों से 2019-23 के बीच सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।

ईडी ने कहा, उत्पाद शुल्क विभाग की जिम्मेदारियां शराब की आपूर्ति को विनियमित करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए गुणवत्तापूर्ण शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करना व राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है, लेकिन आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट ने इन उद्देश्यों को उलट दिया। टुटेजा हाल में सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने शराब नीति को इच्छानुसार बदला और जमकर लाभ कमाया।

मोटा कमीशन देने वालों से खरीदी गई शराब. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में दावा किया है कि साजिश के तहत सिर्फ मोटा कमीशन देने वाले निर्माताओं से शराब खरीदी गई। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लि. (सीएसएमसीएल) के एमडी अरुणपति त्रिपाठी केवल पसंदीदा निर्माताओं से शराब खरीदते थे, जबकि कमीशन नहीं देने वालों को दरकिनार कर देते थे। अनवर ढेबर यह कमीशन इकट्ठा करता था और उसमें से बड़ा हिस्सा सत्ता में मौजूद राजनीतिक दल के साथ साझा करता था। सिंडिकेट ने सीएसएमसीएल संचालित दुकानों के माध्यम से बेहिसाब अवैध शराब के निर्माण और बिक्री की साजिश रची।

आरोपपत्र में इनके भी नाम. ईडी के आरोपपत्र में कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, शराब व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लन, होटल व्यवसायी नितेश पुरोहित और अरविंद सिंह का नाम है।

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