रायगढ़

पहले करती थी रोजी-मजदूरी अब गोठान के माध्यम से महिलाएं हो रही आर्थिक रूप से सशक्त

वर्मी कम्पोस्ट बनाकर श्री शारदा स्व-सहायता समूह की 3 महिलाओं ने कमाएं ढ़ाई लाख से अधिक की राशि, किसी ने खरीदे जेवर, तो किसी का बच्चा पढ़ रहा अंग्रेजी माध्यम स्कूल में, अतिरिक्त आमदानी के लिए समूह ने लगाए टमाटर डेढ़ लाख रूपए से अधिक का हुआ लाभ,एप्पल बेर का बना रहे कार्ययोजना, कहा फायदेमंद है गोठान

रायगढ़। शासन की महत्वपूर्ण गोधन न्याय योजना अब महिलाओं के सशक्तिकरण में महती भूमिका निभा रही है। यही कारण हैं कि कल तक रोजी-मजदूरी में संलग्न रहने वाली महिलाएं आज गोठान से जुड़कर समूह के माध्यम से वर्मी उत्पादन, केंचुआ पालन एवं बाड़ी विकास जैसे गतिविधियां संचालित कर लाखों रूपए कमा रही है। जिससे वे आज आर्थिक रूप से सशक्त होकर घर चलाने में सहयोग भी कर रही है।

विकासखंड पुसौर के ग्राम बरपाली में स्थित गोठान में जहां महिला समूह अपने घरों के कामों को निपटाकर गोठान में पहुंच अपने नियमित गतिविधियों का संचालन कर रही है। गोठान की श्री शारदा महिला स्व-सहायता समूह एवं गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाओं की लगन और जज्बा का ही कमाल है कि वे छोटे-छोटे समूह के रूप में कार्य करते हुए लाखों रूपए कमा चुकी है। श्री शारदा महिला स्व-सहायता समूह की श्रीमती आनंद कुंवर मैत्री कहती है, गोठान के बनने से महिलाओं को उसका लाभ मिला है। पहले गांव की महिलाएं गोठान के कार्यो में रूचि नही दिखाती थी।

उन्होंने पहले वर्ष तीन सदस्यों से वर्मी कम्पोस्ट बनाना प्रारंभ किया था, जब पहली राशि मिली तो उत्साह बढ़ा और अब तक कुल 600 क्विंटल से अधिक का वर्मी कम्पोस्ट बना कर लगभग 2 लाख 50 हजार की अधिक की राशि प्राप्त कर चुके है। उनके समूह के कार्यो से प्रभावित होकर गंगा स्व-सहायता समूह द्वारा भी वर्मी उत्पादन प्रारंभ किए। गंगा स्व-सहायता समूह की श्रीमती श्याम बाई बसंत बताती है कि उनके समूह के 4 सदस्यों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर 50 हजार से अधिक की राशि अर्जित की है। इसी तरह अब गतिविधियां बढऩे के साथ महिलाएं समूह में जुडऩे लगी है।

श्रीमती मैत्री ने बताया कि प्राप्त राशि से उन्होंने नेकलेस और पायल भी खरीदी है, वही अन्य सदस्य भी ज्वैलरी खरीदने वाली है। इसके साथ ही समूह की महिलाएं प्राप्त राशि से गांव के जरूरतमंदों को पैसे देने का कार्य भी कर रही है। उनका कहना है कि जरूरतमंदो को समय में पैसे देने से उनका काम भी हो जाता है और सहयोग भी हो जाता है। वे बताती है कि गोठान के निर्माण के बाद से वे आर्थिक रूप से मजबूत हुई, इससे घर चलाने में सहयोग मिल रहा है। आज उनके बच्चे के साथ समूह की श्रीमती सुशीला साव, श्रीमती पुष्पा सिदार के अलावा समूह की अन्य महिलाओं के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाई कर रहे है।

टमाटर से कमाए डेढ़ लाख से अधिक की राशि, एप्पल बेर की बनाई जा रही कार्ययोजना. गोठान में कार्यरत श्री शारदा स्व-सहायता समूह एवं गंगा स्व-सहायता समूह के साथ अन्य समूह की 8 सदस्यों ने गोठान में सामूहिक बाड़ी विकास कार्य करते हुए टमाटर की खेती की। गोठान में अदाणी फाउंडेशन द्वारा महिलाओं को सामूहिक खेती के फायदे से अवगत कराते हुए प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जमीन की उर्वरा शक्ति की जांच कराकर टमाटर खेती की गई। खेती प्रारंभ करने के लिए आवश्यक ड्रिप संबंधी उपकरण, खाद, फर्टिलाइजर, कीटनाशक दवाओं तथा उन्नत किस्म के पौधों और बीजों का सहयोग प्रदान किया गया। जिससे पश्चात समूह ने कार्य करते हुए लगभग डेढ़ लाख से अधिक का टमाटर उत्पादन कर कमाएं। इसके अलावा समूह आगामी दिनों खीरा लगाने की तैयारी कर रही है, साथ ही एप्पल बेर के लिए भी वृहद कार्ययोजना बनायी जा रही है, ताकि अतिरिक्त आय में और वृद्धि हो सके।

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