रायगढ़

बयाँग के खेतों में मिलेट्स की खेती देखने पहुंचे ओपी चौधरी, रागी की फसलों से जुड़ी जानकारी साझा की

रायगढ़। भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी सक्रिय राजनीति से परे यूवाओ को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के साथ साथ किसानो को खेती के लिए भी प्रोत्साहित करते है। विगत दिनों उन्होंने केले की खेती के टिप्स दिए और केले के पेड़ लगाने से लेकर रखरखाव पैदावार बेचने के तौर तरीको से अनेकों बार लाइव आकर प्रदेश भर के किसानो को अवगत कराया।

चलबो गौठान खोलबो पोल अभियान के तहत जिले भर के गौठनो का दौरा कर भूपेश सरकार की पोल खोलने के बाद ओपी चौधरी ने सोशल मंच से अपने गृह ग्राम बयांग में रबी की फसल के रूप में मोटा अनाज रागी की फसल देखने खेतो में पहुंचे। गृह ग्राम बायँग में लगी रागी की फसलों को देख ओपी चौधरी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि पानी की कम उपलब्धता के बावजूद मिलेट्स की खेती आसानी से की जा सकती है। प्रधान मंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पूरा विश्व इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रहा है। विदित हो कि मन की बात के 97 वे एपिसोड की चर्चा के दौरान मोदी जी ने छतीशगढ़ के रायगढ़ में मिलेट्स से बने व्यंजनों के कैफे खुलने की चर्चा की थी। इसके बाद ओपी चौधरी जिला भाजपा के पदाधिकारियों के साथ मिलेट्स कैफे गए और मिलेट्स से बने व्यंजन इटली दोसा चिला बड़ा का लुत्फ उठाया।खरीफ की फसल के दौरान रागी की बोआई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई मध्य तक मानसून वर्षा होने पर की जाती है।

भारत में सबसे अधिक रागी का उत्पादन कर्नाटक राज्य में होता है।रागी की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जाती है जिसमें समृद्ध दोमट से लेकर खराब उथली ऊपरी भूमि तक होती है। यह हल्की लाल दोमट और अच्छी उर्वरता वाली लेकिन उचित जल धारण क्षमता वाली रेतीली दोमट मिट्टी के लिए झरझरा और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी को तरजीह देता है। यह कुछ जल जमाव को सहन कर सकता है। रागी के लिए 700-1200 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में रागी की खेती के लिए अनुकूल है। ओपी ने बताया कि रागी का दूसरा नाम मडुआ भी है। रागी की खेती करना ज्यादा कठिन भी नहीं है। ओपी चौधरी ने मिलेट्स की लाभ बताते हुए कहा रागी में कैल्शियम की मात्रा सर्वाधिक पायी जाती है जिसका उपयोग करने पर हड्डियां मजबूत होती हैं । रागी बच्चों एवं बड़ों के लिये उत्तम आहार है।

महत्वपूर्ण विटामिन्स जैसे थायमीन, रिवोफ्लेविन, नियासिन एवं आवश्यक अमीनो अम्ल की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जोकि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिये आवश्यक होते हैं।रागी युक्त आहार कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है. कैल्शियम व अन्य खनिज तत्वों की प्रचुर मात्रा होने के कारण ओस्टियोपोरोसिस से संबंधित बीमारियों तथा बच्चों के आहार के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है। मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, ईडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी बनाए जाते हैं. कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

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