मरीज भीष्म ताम्रकार
* मामला रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर हास्पिटल का
* घर बेचकर मरीज के परिजनों ने किया भुगतान
*अभी भी मरीज का ईलाज नागपुर के रिलायबल हॉस्पिटल में चल रहा
बेमेतरा (ब्यूरो) । आयुष्मान कार्ड से ईलाज न करने का बहाना ढूंढ़कर मरीजों से नगद वसूली का नया ठिकाना रायपुर पचपेड़ी नाका स्थित रामकृष्ण केयर हास्पिटल बन चुका है। मरीज के परिजनों से घर बेचवाकर 30 लाख रुपए वसूल कर अस्पताल से जबरदस्ती छुट्टी किए जाने का यह पूरा मामला है।
मरीज भीष्म ताम्रकार 24 जनवरी 2023 को रामकृष्ण हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। भर्ती होते ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को आयुष्मान कार्ड से मरीज का उपचार करने का निवेदन किया था। अस्पताल प्रबंधन ने बहाना बनाकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से ईलाज करने से इंकार कर दिया। इसके बाद मरीज को लगातार कैस व ऑनलाईन भुगतान के जरिये भुगतान लिया जाता रहा। रकम समाप्त हो जाने पर मरीज के परिजनों ने अपना मकान भी भुगतान के लिए बेच दिया। मरीज के परिजनों के पास जब देने के लिए रकम ही नहीं बची तो उनकी दबाव पूर्वक अस्पताल से छुट्टी कर दी गई।
नागपुर रिलायबल में 50 हजार रुपए में ही हो रहा ईलाज
रामकृ़ष्ण केयर हास्पिटल से छुट्टी होने के बाद मरीज को उसके परिजन नागपुर स्थित रिलायबल हॉस्पिटल ले गए हैं। नागपुर में 24 अप्रैल से मरीज का उपचार चल रहा है और मरीज के परिजनों को इस दौरान कुल 50 हजार रकम अस्पताल प्रबंधन को जमा करनी पड़ी।
पूर्व में हो चुका है 12 लाख का अर्थदंड
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ पूर्व में भी 12 लाख का अर्थदंड किया जा चुका है। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मरीजों से दबावपूर्वक रकम वसूलने की बहुत सी शिकायतें हैं।
सीता सेन के परिजनों से वसूले 11 लाख
किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज सीता सेन से भी रामकृष्ण केयर प्रबंधन ने नगद 11 लाख रुपए वसूल लिए थे। मरीज की उपचार के दौरान मौत भी हो गई है। सीता सेन मरीज के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना से शासन ने 9 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराई थी। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने नियम विरुद्ध मरीज के परिजनों से राशि वसूल की गई है।
जबरदस्ती की गई छुट्टी
नाम न छापने की शर्त पर मरीज के करीबी परिजन ने बताया कि की मरीज की रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल से जबरदस्ती छुट्टी की गई थी और मरीज को कहीं और ईलाज कराने का दबाव बनाया गया था। इसके बाद ही भीष्म ताम्रकार को नागपुर स्थित रिलायबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
