वर्ष 23-24 के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा में दुर्ग 14 वे स्थान पर
रायगढ़ :- वर्ष 23-24 के दौरान जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा में प्रदेश के 28 जिलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले को 14 वा स्थान मिलने संबंधी समाचारों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति बहुत कुछ बयाँ करती है। प्रति एक हजार बच्चो में 43 नवजातो की जन्म लेते ही मृत्यु हो जाने से प्रदेश ने भविष्य के कितने ही होनहार खो दिए होंगे? इसका आभाष भूपेश सरकार को नही है।
ओपी ने भूपेश बघेल सरकार से सवाल कर पूछा काम करने की नीयत साफ हो तो क्या स्थिति इतनी लचर हो सकती है ? ओपी ने दुर्ग जिले के स्वास्थ्य महकमे की कार्य प्रणाली को संदेह के कटघरे में खड़ा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओपी ने जानकारी देते हुए कहा दुर्ग जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा से भी बुरा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई समीक्षा के दौरान यह बड़ा खुलासा किया गया कि प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहने वाला दुर्ग जिला इस साल 14 वे स्थान पर पहुंच गया। आम जनता तक स्वास्थ्य का लाभ दिलाने में सिर्फ 1.3 प्रतिशत की प्रगति हुई है । जबकि नक्सल क्षेत्र सुकमा की वार्षिक प्रगति से यह 1% कम ही है ।
जब मुख्यमंत्री के गृह जिले का यह आलम है तो प्रदेश की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।सेहत से जुड़ी 27 योजनाओं की समीक्षा के दौरान ऐसी खामियां मिली । स्वास्थ्य विभाग द्वारा चाइल्ड हेल्थ फैमिली प्लानिंग सहित कई योजनाओं की अनदेखी की गई । स्त्री एवं प्रसितृयो के स्वास्थ्य का हाल , अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग जांच रोकने निरीक्षण , चाइल्ड हेल्थ , स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों में बच्चों का रूटीन चेकअप , फैमिली प्लानिंग , अंधत्व निवारण कार्यक्रम , टीबी व कुष्ठ रोग की मुक्ति के लिए संचालित गतिविधियों की समीक्षा, जला जनित रोगों की रोकथाम, सविलाइन्स इकाई का कामकाज सहित कुल 27 योजनाओं की समीक्षा की गई । बीमारियों के इलाज में भी लगातार अनदेखी बरती गई । ओपी ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया मुख्यमंत्री का गृह जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा जिला अस्पताल है जिसमे तमाम सुविधाएं होने के बावजूद दूसरे स्थान से 14 वे स्थान में खसकना सरकारी योजनाओं को पोल खोलता है।
