रायगढ़। राजप्रिय हॉस्पिटल रायगढ़ में 25 वर्षीय महिला के बच्चेदानी में गांठ का सफल ऑपरेशन किया गया है। गुरुवार को गायनोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं गायनिक सर्जन) डॉ. कीर्ति नंदा और उनकी टीम ने रायगढ़ जिले के सारंगढ़ ब्लॉक की 25 वर्षीय नवविवाहिता महिला का 45 मिनट में सफल ऑपरेशन कर गांठ को निकाला। डॉ. कीर्ति नंदा ने बताया की लगभग एक वर्ष पहले महिला की शादी हुई थी इस बीच महिला गर्भवती हो गई। गर्भधारण के पश्चात कुछ जटिलताएं महसूस होने लगी जिसके लिए वह शहर के कई स्त्री रोग विशेषज्ञों से परामर्श लिया।
सोनोग्राफी के पश्चात बच्चेदानी के पीछे एक बड़े गांठ होने की बात पता चली जो निरंतर बढ़ रहा था। इस स्तिथि अधिकांश विशेषज्ञों ने गर्भपात कराने की सलाह दी परंतु न तो महिला और न ही उनके पति गर्भपात कराने के पक्ष में थे एवं काफी परेशान थे। इस बीच उन्हें राजप्रिय हॉस्पिटल के बारे पता चला, यहां उन्होंने डॉ. कीर्ति नंदा से ओपीडी में परामर्श लिया। इस समय महिला 4 माह गर्भवती थी सोनोग्राफी में बच्चेदानी के पीछे लगभग 6×7 सेमी का एक बड़ा गांठ होने की पुष्टि हुई। चिकित्सकीय टीम की सब से बड़ी चुनौती यह थी की बच्चेदानी को बिना छति पहुंचाए गांठ को निकाला जाए ताकि गर्भस्थ शिशु भी सुरक्षित रहे और महिला भी ठीक हो जाए।

प्रसिद्ध सर्जन एवं हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजकृष्ण शर्मा के मार्गदर्शन में मेडिकल टीम ने ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी। कई जटिलताओं के बावजूद आखिकार ऑपरेशन सफल रहा। गर्भस्थ शिशु को सुरक्षित रखते हुए ऑपरेशन द्वारा सफलता पूर्वक गांठ को निकल लिया गया। डॉ. कीर्ति नंदा ने बताया की अब महिला को गर्भपात कराने की कोई आवश्यकता नहीं है और गर्भधारण को निरंतर किया जा सकता है एवं इस स्तिथि सामान्य प्रसव भी संभव है। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर एवं मेडिकल टीम मरीज के इस सफल ऑपरेशन से काफी संतुष्ट रहें एवं खुश हैं। वहीं महिला की हालत अभी स्थिर है। महिला वर्तमान में धीरे-धीरे रिकवर कर रही है।दरअसल सारंगढ़ की रहने वाली आरती (काल्पनिक नाम) पिछले गर्भधारण के पश्चात पिछले कुछ महीने से उसे पेट में काफी दर्द हो रहा था। इसकी जानकारी परिवार को दी, इसके बाद महिला को इलाज के लिए परिवार वाले कई जगह पर दिखाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद महिला का परिवार उसे लेकर राजप्रिय हॉस्पिटल पहुंचा। अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट डॉ. कीर्ति नंदा ने महिला का इलाज शुरू किया।
डॉ. कीर्ति नंदा ने चर्चा के दौरान बताया की इस प्रकार का ऑपरेशन काफी जटिल ऑपरेशन होता है, जिसमें बच्चेदानी को बिना हानि पहुंचाए गर्भस्थ शिशु को भी बचाना होता है। इस प्रकार का रायगढ़ का यह संभवता पहला मामला है जिसमें ऑपरेशन कर जच्चा बच्चा दोनो को सुरक्षित किया गया, महिला के परिवार वालों ने हॉस्पिटल को धन्यवाद दिया और यहां के स्टाफ एवं डॉक्टरों की प्रशंशा की उन्होंने बताया की वे काफी परेशान थे और गर्भस्थ शिशु के बच पाने की आस भी को चुके थे परंतु राजप्रिय हॉस्पिटल के मेडिकल टीम ने यह सब कर दिखाया। उन्होंने बताया की आज हम सब बहुत खुश और संतुष्ट हैं। राजप्रिय हॉस्पिटल हमारे लिए वरदान साबित हुआ हम सब राजप्रिय हॉस्पिटल के सदैव आभारी रहेंगे।
