रायगढ़। हिंदी साहित्य के गगन में ज्वालज्यमान चंद्रमा के समान संत शिरोमणि एवं दास्य भाव से राम भक्ति उपासक गोस्वामी तुलसीदास का जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय लोचन नगर रायगढ़ में मनाई गयी। यह उत्सव भोजनावकाश के बाद विद्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि श्री डी. पटनायक(उपाध्यक्ष सशिमं समिति रायगढ़ एवं सशिमं लोचन नगर प्रभारी), प्राचार्य प्राचार्य कुबेर लाल माली एवं वरिष्ठ आचार्य अंजनी श्रीवास्तव जी मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन आचार्या संघमित्र मिश्रा ने किया तथा छायांकन आचार्या वीणा सिंह एवं आचार्य विकास सोनी ने किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के मंचासीन होते ही मां सरस्वती, ओम,भारत माता एवं संत गोस्वामी तुलसीदास के छायाचित्र तथा महाराज गजानन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर दीप मंत्र के साथ पूजन अर्चन कर किया गया इसके बाद सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना वाद्य यंत्र के साथ की गई। फिर संस्था के प्राचार्य कुबेर लाल माली जी ने अतिथियों परिचय कराया एवं अतिथियों का सम्मान रोली से तिलक वंदन करते हुए किया गया। इसके बाद कार्यक्रम की विधा शुरू हुई जिसमें दोहे चौपाई,जीवन परिचय, प्रेरक प्रसंग एवं एवं हनुमान चालीसा की प्रस्तुति दी गई। इसी कड़ी में गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन परिचय अंजलि किसान आर्यन सिदार, परिधि साहू रितिका साहू ने प्रभावी शब्दों में प्रस्तुत किया। तत्पश्चात दोहा का गायन विधा में अभी मैत्री समर किसपोट्टा, लीना दर्शन,पलक दर्शन,प्राची शर्मा,मेघा यादव,आकांक्षा तिवारी,चेतन गुप्ता और रुद्र कुमार ज्वाला ने किया।इसी प्रकार हनुमान चालीसा का लयबद्ध पाठ पूर्वी बंजारा,गौरव चौहान एवं कुनाल यादव ने किया जो अति मनमोहक और माधुर्य पूर्णं रहा था।


फिर मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री डी.पटनायकजी ने गोस्वामी तुलसीदास जी के बचपन के कष्टमय जीवन एवं अनेक जीवन पहलुओं पर प्रकाश डाला साथ ही साथ उनके द्वारा रचित ग्रंथों के बारे में विस्तार से बताया इसके बाद आचार्य अंजनी श्रीवास्तव ने गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन में घटित घटनाओं का क्रमबद्ध उल्लेख किया और उनकी दास्यभाव से राम भक्ति के अनेक प्रसंगों का गुणगान किया तथा प्रेरक प्रसंग भी सुनाएं और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें भी अपने माता-पिता की श्रद्धाभाव से भक्ति करनी चाहिए उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए गुरुजनों का भी मान सम्मान करना चाहिए।इन विचारों के साथ वह अपने भविष्य को उत्कृष्ट और उज्ज्वल बना सकते हैं। इसके बाद इसके बाद संघमित्र मिश्रा और कवि प्रिया ठाकुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। फिर वीणा सिंह ने स्वरचित कविता का पाठ किया। जो बहुत ही आनंददायक था।

फिर प्राचार्य कुबेर लाल माली जी ने तुलसीदास की विभिन्न घटनाओं को बताते हुए आभार ज्ञापित किया साथ ही साथ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का भी पाठ किया गया।इसके बाद कल्याण मंत्र के द्वारा उत्सव का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य परिवार से उत्तरा महेश, रेणुका ठाकुर, पुष्पांजलि साहू, विमला साहू प्रतिमा गुप्ता,पुष्पा निषाद, प्रियंका रेड्डी के साथ-साथ विद्यालय के छात्र परिषद के सदस्यों की अति उत्साहित भूमिका रही है उक्त जानकारी संस्था के प्रचार प्रसार विभाग प्रमुख अंजनी श्रीवास्तव ने दी है।
