रायगढ़जशपुर

भूपेश भूल गए…. इंदिरा गांधी ने की थी आरएसएस की सराहना : गोमती साय

कांग्रेस की दुर्गति की वजह आरएसएस से दुर्भावना, भूपेश बघेल के आरोपों पर पत्थलगांव विधायक गोमती का पलटवार

पत्थलगांव । आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत के लिए कलेक्टर रायपुर द्वारा जारी प्रोटोकॉल को लेकर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सोशल मंच में जताई गई आपत्ति पर पलटवार करते हुए पत्थल गांव विधायक गोमती साय ने कहा पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने आर एस एस के सेवा कार्य की सराहना की है। एक सेवा भावी संस्था के प्रति दुर्भावना ही कांग्रेस की दुर्गति की वजह है। गोमती साय ने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयं सेवी संस्थान है। देश भर में संघ की पचास बाजार शाखाओं से जुड़े हुए लाखों सदस्य है। बतौर संघ संचालक जहां भी जाते है । वहां कारवा बन जाता है। चूंकि मोहन भागवत को जेड प्लस की सुरक्षा हासिल है। आयोजनो की सुरक्षा के मद्देनजर प्रोटोकॉल जारी करना एक संवैधानिक व्यवस्था है।

प्रशासनिक तौर पर किसी भी आयोजन की समुचित व्यवस्था बनाए रखना जिला दण्डा धिकारी का काम है। चाहे वह आयोजन विपक्ष का क्यों ना हो या फिर भाजपा का हो या फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम हो। जेड+ सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को स्वास्थ अथवा व्यक्तिगत सुरक्षा मुहैया कराना केंद्र व राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। भूपेश बघेल इस मोहन भागवत जी का प्रोटोकॉल जारी किए जाने के बहाने आर एस एस के खिलाफ जहर उगल कर सस्ती लोकप्रियता हासिल कर गांधी परिवार की नजरों में चढ़ना चाहते है। गांधी परिवार सहित कांग्रेस संघ के प्रति इसलिए भी विद्वेष भी रखते है क्योंकि संघ हिंदुत्व की भावना का समर्थन करता है। और कांग्रेस हिंदुत्व की भावना से चिढ़ रखती है। छत्तीसगढ़ से संघ को प्रतिबंधित करने का दावा करने वाले भूपेश बघेल यह स्मरण रखे कि संघ को कांग्रेस की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।गोमती साय ने भूपेश बघेल को स्मरण कराते हुए कहा प्रियंका वाड्रा के स्वागत हेतु करोड़ो रुपयों के गुलाब सड़क में किस हैसियत से बिछाए गए थे? सांसद रहते हुए राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री मनोहन सिंह को सरकार द्वारा पारित विधेयक को किस हक से फाड़ दिया था।छत्तीसगढ़ का नवीन विधानसभा भवन उद्घाटन के दौरान श्रीमती सोनिया गांधी का नाम का शिलालेख क्यों लगाया था। किस संवैधानिक के नाते सोनिया गांधी को उद्घाटन करने का अवसर प्रदान किया गया इसका जवाब भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है।

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