सारंगढ़ - बिलाईगढ़रायगढ़

तीन दिवसीय गंधर्व कला महोत्सव में काव्य व कहानी संग्रह का हुआ विमोचन

सरिया। शिक्षक राजेंद्र कुमार चौहान द्वारा रचित प्रथम काव्य संग्रह “पथ की पहचान” एवं शिक्षक यदुमणी चौहान द्वारा रचित चतुर्थ काव्य संग्रह”उन्मुक्त उड़ान” एवं प्रथम कहानी संग्रह “वैतरणी” का विगत दिनों मुख्य अतिथि के रूप में पधारे कुमार लाल चौहान आई ए एस ने विमोचन किया। जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा यहां मौजूद वरिष्ठ जनो ने की। काव्य संग्रह “पथ की पहचान” की भूमिका में उल्लेखित वरिष्ठ साहित्यकार सेवानिवृत प्राचार्य शासकीय किरोड़ीमल महाविद्यालय रायगढ़ डॉ बिहारी लाल साहू द्वारा कहा गया है कि कविताएं भाव प्रवण सरल प्रबोध भाषा शैली में लिखी गई श्रेष्ठ कविताएं हैं। इनमें कवि की आत्मा का अनहद स्वर का निनाद चिताकर्षक है।यदुमणी चौहान सरिया के ग्राम लुकापारा के निवासी हैं और शासकीय प्राथमिक स्कूल अमूर्रा विकासखंड बरमकेला जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में प्रधान पाठक के पद पर सेवारत है।

“उन्मुक्त उड़ान” की कविताएं , वर्तमान समाज के बदलते स्वरूप और व्यक्तियों के बर्ताव स्वरूप पर कुठाराघात करती है । वही पिता की महत्ता और जीवन में उनके उपकार के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट कर रही है। श्रमिक के परिश्रम, जीवन स्थिति पर अच्छी कलम चली है। समाज में पड़ोसियों से परस्पर स्नेह आपसी सहयोग एवं संबंधों पर प्रश्न चिन्ह उपस्थित करती उनकी कविता “पड़ौसी कितना दूर है” बेहद प्रासंगिक है। जो समाज का प्रतिबिंब प्रस्तुत कर रही है। इसी तरह उनके कहानी संग्रह “वैतरणी” में मानवीय धरातल पर जीवन दर्शन एवं तत्वबोध के साथ रंग भरकर कल्पनाओं के पंखों से सजाकर कहानियों का स्वरूप , वैभव कहानीकार ने गढ़ा है । निश्चित ही उनका कहानी संग्रह समाज को एक दिशा प्रदान करेगा। विगत दिनों ग्राम पंचधार सरिया में आयोजित गंधर्व मेला साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सम्मेलन के दौरान यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान कलेक्टर चौहान ने कहा कि कविताएं समसामयिक स्थिति को आइने की तरह सामने रखती है और कविताओ में वो ताकत होती हैं कि शब्दों से ही आंदोलन खड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे कवि तो नहीं, मगर कविताओं की पंक्तियां ये बयां कर रही कि कवियों ने कड़ी मेहनत से अपने भावों को अहम से वहम तक के स्तर पर ले जाकर मौजूदा स्थिति और समाज को जगाने वाले शब्दों को सजाकर पुस्तक के रूप में आकर दिया है। ये साहित्य समाज को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है । क्योंकि समाज की गतिविधियों से साहित्य प्रभावित होता है । एक साहित्यकार जो कुछ अपने साहित्य में लिखता है। वह समाज का ही एक प्रतिबिंब होता है। साहित्य और समाज का एक अटूट संबंध है। साहित्य के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। उन्होंने राजेंद्र कुमार चौहान एवं यदुमणी चौहान के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।

विमोचन अवसर पर शिक्षक राजेन्द्र कुमार चौहान पंचधार निवासी व्याख्याता शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल गोबरसिहा ने अपने संबोधन ने कहा कि जिनसे प्रेरित होकर कविता लेखन प्रारंभ किया था वे व्यक्तित्व मेरे विद्यार्थी जीवन के गुरुवर शशि प्रसाद एवं त्रिलोचन पटेल जी हैं। पग पग में साथ देने वाली मेरी धर्मपत्नी मीना चौहान का योगदान अविस्मरणीय है। आगे उन्होंने कहा कि कवि के भाव को समझना उनके शब्दों द्वारा आसान होता है । जब कवि के शब्द सहज ,सरल हो तो पाठक तक बेहतर पहुंच बनाता है। सरल एवं प्रवाहमय शब्दों में निश्चित ही कविता संग्रह अपनी गहरी पैठ पाठकों में बनाएगा।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षक यदुमणी चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि अपने गुरुजनों एवं माता-पिता के आशीर्वाद से ही मैं उक्त कार्य कर पाया । मैं अपने माता-पिता एवं गुरुजनों के कुशल मार्गदर्शन में काव्य एवं कहानी संग्रह का लेखक एवं प्रकाशन किया है। मेरे उक्त कार्य में धर्मपत्नी बनीता एवं छोटे भाई निखिल एवं पूरे घर परिवार का सहयोग रहा। आगे भी मैं इसी तरह के कार्य करता रहूंगा । इसी आशीर्वाद के साथ मैं आप लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं ।

विदित हो कि शिक्षक यदुमणी चौहान ने सर्वप्रथम अपने गुरुदेव से संबंधित पहली गद्य रचना, “त्रिलोचन पटेल एक परिचय” लिखकर साहित्य का परिचय देते हुए गद्य रचना की थी और उक्त गद्य रचना अपने गुरुजन को समर्पित किया था। बाद में हुए लगातार चौथी काव्य रचना एवं दूसरी गद्य रचना समसामयिक विषयों पर आधारित कहानी संग्रह “वैतरणी” का प्रकाशन किया है । आगे इसी तरह शिक्षकीय जीवन के साथ-साथ साहित्य क्षेत्र में भी कार्य करते रहेंगे। तीन दिवसीय गंधर्व मेला कार्यक्रम अंतिम दिवस के मुख्य अतिथि वित्त मंत्री ओ पी चौधरी को भी मंच पर शिक्षक राजेंद्र कुमार चौहान एवं यदुमणी चौहान के द्वारा काव्य एवं कहानी संग्रह रचना की पुस्तक भेंट किया गया।

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