रायगढ़

अनुज ऋषि वर्मा का जाना मेरी व्यक्तिगत क्षतिः सुनील रामदास

रायगढ़। रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास ने लायन ऋषि वर्मा के निधन पर गहन शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ऋषि वर्मा का असमय चला जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। विनम्र, हंसमुख और हरसमय सौम्य रहने वाले ऋषि अब हमारे बीच नहीं है, ऐसा विचार करते ही मन द्रवित हो उठता है। सुनील रामदास ने कहा कि ऋषि वर्मा मेरे छोटे भाई थे। हमने लायंस क्लब में साथ काम किए। उनसे नियमित बात होते रहती थी। जो भी छोटे-मोटे काम होते थे, वे तुरंत कर देते थे। सेवा के लिए उत्साहित रहते थे। सबके साथ मित्र भाव रखना ऋषि के व्यक्तित्व की विशेषता थी।

उनके साथ बिताए गए पल और उनकी सहृदयता हमेशा मेरे दिल में बसी रहेगी। वे न केवल एक अच्छे दोस्त थे, बल्कि मेरे लिए एक भाई की तरह थे। हमने लायंस क्लब में मिलकर कई सेवा कार्य किए और उनका साथ हमेशा प्रेरणादायक रहा। उनका व्यक्ति अत्यंत सहज, सरल और मन को मोह लेने वाला था। ऋषि वर्मा अत्यंत कवि हृदय के थे। वे कुछ ही मिनटों में कविता लिख देते थे। मंच संचालन करने की उनमें अद्भुत प्रतिभा थी। ऋषि ने जो हमारे दिलों में जगह बनाई है, उसकी स्मृति को भुला पाना रायगढ़ वासियों के लिए संभव नहीं है। अल्पायु में हम सबसे ऋषि का बिछुड़ना सामाजिक क्षति है। रायगढ़ ने एक सेवाभावी व्यक्ति हमेशा के लिए गंवा दिया। इस दुःख की घड़ी में, मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं ऋषि के परिवार के साथ हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि वह उन्हें इस कठिन समय में दुःख सहन की शक्ति और धैर्य प्रदान करे।

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