रायगढ़ । कोलता समाज से संगीता गुप्ता की पूछ परख बढ़ने लगी है । भारतीय जनता पार्टी से ओपी चौधरी के रायगढ़ विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा और टिकट तय होने जैसे खबरों के साथ ही काग्रेस ने इसकी तोड़ निकालने रणनीति अपना लिया है । ओपी चौधरी पिछड़ा वर्ग से विलांग करते है वही संगीता गुप्ता भी पिछड़ा वर्ग के साथ साथ ओड़िया भाषी और विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर्स कोलता समाज से विलांग करती हैं वही भारतीय जनता पार्टी के कोलता समाज के तीन तीन दावेदार दरकिनार होते दिख रहे है ,ऐसे में कोलता समाज ने भी अपनी पैंतरा बदलते हुए संगीता गुप्ता के प्रति आशान्वित नजर से देख रही है ।
वैसे 2019 के पचायत चुनाव में रायगढ़ क्षेत्र क्रमांक 1 से जो रायगढ़ पूर्वी अंचल के रूप में जाना जाता है और अधिकांस वोटर्स कोलता समाज से है ,इसी क्षेत्र से संगीता ने रिकार्ड मतों से भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराकर अपना राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी जो अब काफी मजबूती और पैनी होते जा रही है ।ओड़िया भाषी और ग्रामीण महिला होने के साथ ही अब वह रायगढ़ में रहकर मुख्यालय की राजनीति की ट्रेनिग हासिल कर ली है । ओड़िया और हिंदी में भी अब मजबूत पकड़ बना कर जिला पंचायत ही नहीं अन्य कार्यालयों में भी अंचल की समस्याओं को उठाने में महारत हासिल कर चुकी है । लोईग गांव में पिछले वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में संगीता ने अपने अंचल के लिए अनेक घोषणाएं करवाने में सक्षम रही और क्रियान्वित भी हो रहे है । एक महिला होने के साथ साथ आमजन से घुल मिलकर कार्य करने और लोगो के सुख दुख में सहभागी बनने गांव गांव लोगो की ड्योढ़ी तक पहुंच जाती है।
यही कारण है कि पूर्वांचल के लोगो ने सर आंखों में बिठा लिया है। कांग्रेस को एक नए चेहरे की तलाश है जो ओपी चौधरी को मात दे सके ऐसे में एक महिला होने के साथ साथ ग्रामीण अंचल और शहरी दोनो वोटों को एक साथ साधा जा सकता है ।चुकी वर्तमान विधायक के परफॉर्मेस ठीक नही होने और दो दो अघरिया समाज प्रत्याशी होने की स्थिति में वोट बंट सकते है और ओपी चौधरी हावी हो जायेंगे इसके उलट संगीता गुप्ता के उम्मीदवारी से कांग्रेस आसानी से रायगढ़ सीट निकाल सकती है। ऐसी खबर है कि संगीता गुप्ता को हाई कमान रायपुर दो दो बुलावा आ चुका है और उन्होंने काफी मजबूती के साथ अपनी जीत की दावेदारी प्रस्तुत की है ।खबर यह भी है कि कोलता समाज के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने भी हाई कमान को अपनी राय दे दी है ।
