रायगढ़

आर्ष गुरुकुल तुरंगा में शिक्षक एवं वरिष्ठ जन सम्मान समारोह संपन्न. भारतीय संस्कृति का मूल है वैदिक ज्ञान – सुशील रामदास


रायगढ़. विकासखण्ड पुसौर के ग्राम तुरंगा में संचालित गुरुकुल में शिक्षक दिवस के अवसर पर नव छात्रों का ब्रतोपयन संस्कार, बड़े बच्चों का वेदारंभ संस्कार तथा शिक्षक सम्मान व वरिष्ठ जनों का भी सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।


ज्ञात हो कि आर्य समाज से संबद्ध श्री मल्लिका चतुर्भुज ट्रस्ट द्वारा संचालित आर्ष गुरुकुल तुरंगा में वैदिक नीति नियमों के साथ 70 बच्चे आवासीय तथा डेढ़ सौ बच्चे नियमित रूप से विद्या अध्ययन कर रहे हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर नए बच्चों का विधिवत व्रतोपयन संस्कार किया गया। वहीं वैदिक रीति के अनुसार युवा बच्चों को वेद के पठन एवं वेद में लिखित ज्ञान को आत्मसात करने हेतु वेदारंभ संस्कार करवाया गया। आगंतुक अतिथियों एवं उपस्थित सेवा निवृत शिक्षक शिक्षिकाओं व पालकों के आशीर्वाद से संपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ।

इसके अतिरिक्त आसपास के लगभग 50 वरिष्ठ सेवानिवृत्त गुरुजन व लगभग 150 शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे शिक्षकों का आश्रम परिवार की ओर से शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षकों में पीतांबर होता, अवधूत साव, चूड़ामणि देहरी, शौकीलाल पंडा, बलराम साहू, कीर्तनलाल गुप्ता, मोतीलाल गुप्ता, अभिनव विद्या मंदिर के संचालक अक्षय कुमार सतपथी, ग्राम्य भारती विद्या मंदिर के प्राचार्य घनश्याम साहू, आर्य विद्यासागर स्कूल के संचालक अनिल कुमार यादव सहित सभी गुरुजनों ने अपने जीवन के अनुभव तथा वर्तमान चल रहे शिक्षा प्रणाली के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार व्यक्त करते हुए, बच्चों को दिशा दिखाने का प्रयास किया।

आज के कार्यक्रम में महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास महाराज, सीताराम दास महाराज, बी एच पी महामंत्री विभूति भूषण पाण्डेय, बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा, बी एच पी विभाग मंत्री विनय पराशर ने अपने उपस्थिति दर्ज कराते हुए सभा को आशीर्वचन प्रदान किया। वहीं संस्था के दृष्टि से यह दिवस इसलिए महत्वपूर्ण रहा कि यहां के युवा संचालक आचार्य राकेश का दीक्षांत दिवस भी आज मनाया गया। उन्होंने इसी दिवस से 9 वर्ष पूर्व गुरुकुलीय शिक्षा पूर्ण कर समाजसेवा में अपने भूमिका निभाने के लिए कसाय वस्त्र धारण कर परिवार त्याग किए थे। गुरुकुल परिवार द्वारा उनके दीक्षांत के दसवें वर्ष में प्रवेश को उत्सव की भांति मनाया और उनके उज्जवल व सुदीर्घ जीवन का कामना की।


कार्यक्रम के द्वितीय पाली में अंचल के समाज हित में अपने आप को समर्पित करने वाले वरिष्ठ जनों का भी सम्मान किया गया एवं उनसे आशीर्वाद लिया। मंचीय कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पधारे अंचल के प्रख्यात समाजसेवी सुशील रामदास ने आचार्य राकेश के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में वैदिक ज्ञान को फैलाने के लिए उनके द्वारा निरंतरता से कार्य किया जा रहा है, जो कि भारतीय संस्कृति के मूल से जुडा हुआ है। इसलिए आचार्य राकेश द्वारा किया जाने वाला कार्य मुक्त कंठ से प्रशंसा योग्य है। उसके पश्चात् पुसौर के वरिष्ठ समाजसेवी दधी वामन साव ने संस्था के दानदाता स्वर्गीय चतुर्भुज गुप्ता के निस्वार्थ दान एवं माता मालिका चतुर्भुज के निरंतर उपस्थित को प्रणाम करते हुए गुरुकुल आश्रम को निरंतर आगे बढ़ाने वाले आचार्य राकेश को शुभकामनाएं दिया। पूरे कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने में संस्था के सभी बच्चों, समस्त शिक्षक, शिक्षिकाओं सहित अंचल के गणमान्य जन सर्वश्री ईश्वर गुप्ता, श्रवण प्रधान, घनश्याम पटेल, जगन्नाथ प्रधान, मनोरंजन साहू, गौरांग साव, हाराचंद गुप्ता, दुखनाशन गुप्ता, फकीर गुप्ता, इंदिरा गुप्ता, खीर कुमारी डनसेना, यशोदा गुप्ता, रजनी श्रीवास, सरपंच फकीर गुप्ता, प्रेम शंकर पंडा, लेकरू देहरी, बोधराम गुप्ता, चतुर सिदार, तपेश्वर गुप्ता, अशोक गुप्ता, परमेश्वर साव, अविनाश गुप्ता, दुर्गेश मालाकार, खगेश्वर पटेल, ओम गुप्ता, सुभाष गुप्ता, दानदाता परिवार से डोलेश्वर गुप्ता व तेजराम गुप्ता, विभूति प्रधान, उप संचालक प्रेमचंद आर्य, व्यायाम शिक्षक राजेंद्र आर्य एवम आसपास के सभी ग्रामवासियों का सहयोग रहा।

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