कलेक्टर सिन्हा ने जयंत के कंधों पर सौंपी महाआरती की जिम्मेदारी, केलो उद्धार समिति तैयारियों में दिन-रात जुटी
रायगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर आगामी 1 से 3 जून तक पूरा छत्तीसगढ़ राममय होगा क्योंकि शहर के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का वृहद आयोजन होने जा रहा है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में देश-विदेश के मशहूर कलाकार और कवि भी शिरकत करेंगे। आयोजन की सफलता के लिए कलेक्टर सिन्हा के नेतृत्व में प्रशासन जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई है। आगामी 1 से 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विशेष रूप से रायगढ़ में उपस्थित रहेंगे जहां वे कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायगढ़वासियों की आस्था का केंद्र जीवनदायिनी केलो नदी की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-पाठ और महाआरती कर प्रदेश की खुशहाली की कामना करेंगे।

जयंत के कंधों पर महाआरती की जिम्मेदारी. कलेक्टर सिन्हा ने केलो महाआरती की संपूर्ण जिम्मेदारी सभापति जयंत ठेठवार के नेतृत्व में केलो उद्धार समिति को सौंपी है इसलिए आज समिति के अध्यक्ष जयंत ठेठवार, पार्षदगण, जनप्रतिनिधि व सदस्य केलो नदी तट पर निरीक्षण के लिए पहुंचे। जहां सामूहिक रूप से समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्य कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शहर में चर्चा का विषय है कि केलो महाआरती की बड़ी जिम्मेदारी जयंत ठेठवार एंड टीम के काबिल कंधों पर है शहरवासियों का कहना है कि यह आयोजन निसंदेह सफल होगा। केलो उद्धार समिति के रूप में जयंत ठेठवार के पास सैकड़ों लोगों की फौज और केलो महाआरती आयोजन की तैयारियों का वर्षों का अनुभव है।
तैयारियों में दिन-रात जुटी केलो उद्धार समिति. भव्य केलो महाआरती की तैयारियों में जयंत एंड टीम पिछले तीन दिनों से जुटी हुई है। केलो तट पर वॉल पेंटिंग किया जा रहा है। साफ-सफाई की जा चुकी है। दिन को भीषण धूप के कारण काम करना असहज हो रहा है फिर भी समिति केलो नदी को सजाने संवारने का काम पूरी कर्मठता से कर रही है। आयोजन में कोई कमी ना रह जाए इसलिए रात भर रात लाइट लगाकर तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। केलो उद्धार समिति के प्रयासों से एक बार फिर से केलो तट पर त्यौहार जैसा माहौल निर्मित होगा।
केलो नदी रोशनी से जगमगायेगी. वैदिक मंत्र उच्चारण और पूजा-पाठ से रायगढ़ का माहौल भक्ति भाव से सराबोर होगा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ रायगढ़वासी केलो महाआरती में शामिल होकर महाआरती के साक्षी बनेंगे।
केलो महाआरती की शुरुआत. केलो उद्धार समिति के बैनर तले अध्यक्ष जयंत ठेठवार के नेतृत्व में केलो महाआरती प्रारंभ की गई थी। इस महाआरती को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाना है। पहले की तुलना में केलो में स्वच्छता व साफ-सफाई बढ़ गई है। लोग जागरूक हो रहे हैं। केलो महाआरती रायगढ़वासियों की एकता का प्रतीक बन चुका है। जब केलो तट पर केलो महाआरती आयोजित होती है तो नदी रोशनी से जगमगा उठती है। तट पर मेले सा माहौल रहता है। हजारों लोग श्रद्धापूर्वक इस महाआरती में शामिल होते हैं। पूजा-पाठ, शंख-घंटी की करतल ध्वनि और भक्ति भाव से ओतप्रोत भजन से केलो तट पर आस्था का ज्वार उमड़ पड़ता है।

केलो महाआरती बनी अनेकता में एकता की मिसाल. भव्य केलो महाआरती में विभिन्न समाज के लोग श्रद्धापूर्वक शामिल होते हैं जिसमें मुख्य रुप से उत्कल समाज, तीऊर समाज, केवट समाज, माली समाज, सोनार समाज, बरेठ समाज, सतनामी समाज, बराई समाज, नामदेव समाज, अग्रहरी समाज, सारथी समाज, केशरवानी समाज, वैष्णव समाज, जयसवाल समाज, ब्राह्मण समाज, सिख समाज, यादव समाज, देवांगन समाज, सिंधी समाज, छत्तीसगढ़ कनौजिया समाज, अग्रवाल समाज, नाई समाज, साहू समाज व अन्य समाजों के साथ हिंदू-मुस्लिम गंगा-जमुना की तहजीब भी देखी जाती है। बिना भेदभाव के दर्जनों धार्मिक व सामाजिक लोगों की उपस्थिति से केलो महाआरती रायगढ़ जिले की अनेकता में एकता की मिसाल बन कर सामने आया है।
सीएम देंगे केलो संरक्षण का संदेश. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश की नदियों के संवर्धन के लिए लगातार विशेष पहल कर रहे हैं। रायगढ़ जिला प्रशासन ने पिछले महीने केलो संरक्षण अभियान शुरू किया है जिसमें हजारों लोगों ने अपना योगदान दिया है। पूरे छत्तीसगढ़ में केलो नदी और केलो महाआरती का विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आगामी 3 जून को केलो महाआरती आयोजन में शामिल होंगे और केलो मैया की महाआरती कर प्रदेश की खुशहाली की कामना कर स्वच्छता का संदेश तो देंगे ही साथ ही साथ मुख्यमंत्री बघेल का उद्देश्य यह भी है कि आने वाले दिनों में केलो नदी के विकास, संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण जैसे वृहद योजना को भी अंजाम देना है।
धीरे-धीरे पूरा हो रहा समिति का उद्देश्य. यहां यह बताना लाजिमी है कि केलो नदी के तट पर लोग चलना भी मुनासिब नहीं समझते थे लेकिन केलो उद्धार समिति के प्रयासों से अब केलो नदी की स्वच्छता लोगों को आकर्षित कर रही है, वहीं केलो नदी के प्रति लोगों में आस्था भी बढ़ी है। केलो उद्धार समिति नदी की स्वच्छता पर समय-समय पर विशेष ध्यान रखती है। नदी तट पर नए पचड़ी का निर्माण भी कराया गया है जहां श्रद्धालु केलो मैया की पूजा अर्चना करते हैं। आज केलो महाआरती का उद्देश्य धीरे-धीरे पूरा हो रहा है।
